सुप्रीम कोर्ट ने NGT के न्यायिक सदस्य का कार्यकाल बढ़ाया 

पीठ ने कहा कि एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 4 (1) में प्रावधान है कि अधिकरण में कम से कम 10 और अधिकतम 20 पूर्णकालिक न्यायिक सदस्य और इतनी ही संख्या में विशेषज्ञ सदस्य होंगे. 

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सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल द्वारा पेश की गई दलीलों पर गौर किया. (फाइल)
नई दिल्‍ली :

उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के भोपाल स्थित केंद्रीय जोन पीठ के एक न्यायिक सदस्य का कार्यकाल सोमवार को बढ़ा दिया. न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति एस. के. सिंह सोमवार को अवकाश ग्रहण करने वाले थे. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ एवं पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला की पीठ ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल बलबीर सिंह द्वारा पेश की गई दलीलों पर गौर किया कि न्यायिक सदस्यों के चयन के लिए कदम उठाए गए हैं. 

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने न्यायालय को बताया कि 16 दिसंबर को राष्ट्रीय दैनिकों में एक विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. 

पीठ ने कहा कि एनजीटी अधिनियम, 2010 की धारा 4 (1) में प्रावधान है कि अधिकरण में कम से कम 10 और अधिकतम 20 पूर्णकालिक न्यायिक सदस्य और इतनी ही संख्या में विशेषज्ञ सदस्य होंगे. 

पीठ ने कहा, 'अगले आदेश के लंबित रहने तक, हम निर्देश देते हैं कि जब तक न्यायिक सदस्यों के चयन की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती और नए न्यायिक सदस्य कार्यभार ग्रहण नहीं कर लेते, न्यायमूर्ति एस. के. सिंह पद पर बने रहेंगे, जो उनकी सहमति पर निर्भर होगी.''

न्यायालय ने कहा कि इस आदेश की एक प्रति तुरंत एनजीटी के रजिस्ट्रार को भेजी जाए, ताकि न्यायमूर्ति सिंह के पद संभालने में किसी तरह की बाधा नहीं आए. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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