SC ने पूछा सवाल, 'बिना हथियारों के फॉरेस्‍ट अधिकारी जंगल के कानून व्‍यवस्‍था कैसे लागू कराता होगा'

SC ने महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है कि फॉरेस्ट अधिकारियों के खिलाफ कितने हमले और इसे लेकर कितने केस दर्ज हुए हैं? .

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चार हफ्ते के लिए टली (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

जंगल मे फॉरेस्ट अधिकारियों (Attack on Forest officers) पर होने वाले हमले का मामले को सुप्रीम कोर्ट ने (Supreme Court) बेहद गंभीर माना है. मुख्‍य न्‍यायाधीश (CJI) ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है. यह अंदाजा लगाना भी मुश्किल है कि कैसे बिना किसी हथियार के फॉरेस्ट अधिकारी जंगल में कानून व्यवस्था को कैसे लागू कराता होगा. हमारे फॉरेस्ट अधिकारी हमारे जंगल और वनस्पतियों की रक्षा करते हैं. SC ने महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और राजस्थान के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक से रिपोर्ट मांगी है कि फॉरेस्ट अधिकारियों के खिलाफ कितने हमले और इसे लेकर कितने केस दर्ज हुए हैं? मामले की सुनवाई 4 हफ्ते के लिए टली. सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र और सभी पक्षों से चार हफ्तो में ये बताने को कहा है कि फॉरेस्ट ऑफिसर की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान स्पीकर को थमाया नोटिस, BSP के 6 MLA के कांग्रेस में विलय पर मांगा जवाब

केंद्र की ओर से सॉलिसटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि लकड़ी के चोरी की वजह से भी फॉरेस्ट अधिकारियों कर हमला होता है. इस पर CJI ने कहा कि एमाइकस क्यूरी, सॉलिसिटर जनरल और सभी राज्य सरकारें तथा पक्षकार एक व्यवस्था के लिए बात करें और सहमति बनने पर अदालत के समक्ष पेश करें. वकील श्याम दीवान ने कहा कि माउंटआबू में हुई घटना पर भी राजस्थान सरकार को स्टेस्ट रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करनी चाहिए. राजस्थान सरकार को ऐसी घटनाओं पर उचित कदम उठाना चाहिए. उन्‍होंने कहा दुनिया में भारत में 31% फॉरेस्ट अधिकारियों पर हमला किया जाता है, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों और बहुत बर्बरता से हमला होता है.

Advertisement

किसानों को COVID से सुरक्षा नहीं मिली, तो तबलीगी जमात जैसे हालात पैदा हो सकते हैं : CJI

Advertisement

इस पर CJI ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आपने सभी राज्य सरकारों को पक्षकार बनाया है? उन्‍होंने पूछा कि असम में अधिकारियों की पास हथियार होता है, कर्नाटक में फॉरेस्ट अधिकारी चप्पल में जाता है और दूसरे राज्यों में सिर्फ लाठी क्यों होती है ऐसा क्यों है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फॉरेस्ट अधिकारियों के पास आर्म, बुलेट प्रूफ जैकेट, हेलमेट होना चाहिए. हम यह नही कर रहे है कि सभी के पास ऐसा होना चाहिए लेकिन कुछ अधिकारियों के पास तो होना चाहिए. एमाइकस ADN राव ने कहा कि ऐसा किसलिए है क्योंकि राज्य सरकार बजट नही जारी करती हैं.

Advertisement

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी

Featured Video Of The Day
Manmohan Singh Death News: नहीं रहे नए भारत के 'वास्तुकार' मनमोहन सिंह, शोक में डूबा पूरा देश
Topics mentioned in this article