एक व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट के एक जज को आतंकवादी कह दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई और रजिस्ट्री को उसे कारण बताओ नोटिस जारी करने का आदेश दिया. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने वादी द्वारा लगाए गए आरोपों को अपमानजनक करार देते हुए कहा, 'आपको कुछ महीने के लिए जेल भेजना होगा, तब आपको एहसास होगा.'
सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने उस व्यक्ति की आलोचना की और कहा, 'आप उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश पर यूं ही कोई आरोप नहीं लगा सकते हैं.' सुप्रीम कोर्ट सर्विस के एक लंबित मामले में एक व्यक्ति की अर्जी पर सुनवाई कर रहा था. अर्जी देने वाले व्यक्ति की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि वह उसका प्रतिनिधित्व तभी करेंगे, जब वह माफी मांगेगा. व्यक्ति ने कहा, 'मैं माफी मांगता हूं.' उसने कहा कि वह उस वक्त अत्यधिक मानसिक पीड़ा से गुजर रहा था, जब उसने अर्जी दायर की थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे
पीठ ने नाराजगी जताते हुए कहा, 'यह अपमानजनक है.' सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा, 'हम आपको इस बारे में कारण बताओ नोटिस जारी करेंगे कि आप पर क्यों नहीं आपराधिक अवमानना का मुकदमा चलना चाहिए.' बेंच ने कहा, 'हम अर्जी की समय पूर्व सुनवाई के इच्छुक नहीं है. अर्जी खारिज समझी जाए.' पीठ ने अपने आदेश में कहा कि वह व्यक्ति को अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के सिलसिले में एक हलफनामा दाखिल करने के वास्ते तीन हफ्ते का वक्त देती है.
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