SC ने राजस्‍थान के गैरसहायता प्राप्‍त निजी स्‍कूलों को वार्षिक फीस में 15% कटौती का दिया निर्देश

जस्टिस एएम  खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के फैसले से राजस्थान में लगभग 36,000 निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों और 220 अल्पसंख्यक निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों पर असर होगा.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्ली:

राजस्थान में निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों की फीस का मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को राज्य कानून के तहत निर्धारित वार्षिक फीस जमा करने की अनुमति दे दी है. SC ने कहा कि स्कूलों को शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए छात्रों द्वारा अनुपयोगी सुविधाओं के लिए 15% फीस में कटौती करनी चाहिए. स्कूल छात्रों को अधिक रियायत दे सकते हैं 5 अगस्‍त 2021 से पहले छह समान मासिक किस्तों में फीस का भुगतान किया जाएगा.अदालत ने कहा कि स्कूल प्रबंधन फीस न देने के कारण छात्रों को ऑनलाइन या फिजिकल कक्षाओं में भाग लेने से नहीं रोकेंगे.इसके साथ ही स्कूल फीस का भुगतान न होने की स्थिति में परीक्षा के परिणाम को नहीं रोकेंगे.

मद्रास HC की 'हत्या के आरोप' वाली टिप्पणी को कड़वी गोली समझें : चुनाव आयोग से बोला सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस एएम  खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी के फैसले से राजस्थान में लगभग 36,000 निजी गैर सहायता प्राप्त स्कूलों और 220 अल्पसंख्यक निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों पर असर होगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि स्कूल प्रबंधन शैक्षणिक वर्ष 202021 के लिए शुल्क/ बकाया राशि के गैर-भुगतान के आधार पर कक्षा X और XII के लिए आगामी बोर्ड परीक्षाओं के लिए किसी भी छात्र/उम्मीदवार का नाम नहीं काटेंगे. दरअसल निजी स्कूल प्रबंधन ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 की स्कूल फीस के मामले में शीर्ष कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसमें राजस्थान बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के साथ, मार्च 2020 से महामारी (लॉकडाउन) के कारण संबंधित बोर्डों द्वारा पाठ्यक्रम की कमी को देखते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों द्वारा 70 प्रतिशत ट्यूशन फीस तक सीमित और स्कूल से 60 प्रतिशत फीस सहित स्कूल फीस के संग्रह को रोकने के सरकारी आदेशों को चुनौती दी गई थी. उच्च न्यायालय ने सरकार के आदेश को बरकरार रखा था.

Advertisement

'कोरोना पर नियंत्रण के लिए लॉकडाउन पर विचार करें' : केंद्र, राज्य सरकारों को सुप्रीम कोर्ट की सलाह

राजस्थान सरकार ने COVID-19 महामारी के मद्देनजर प्राथमिक और माध्यमिक मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को 3 महीने के लिए स्कूल की फीस लेने पर रोक लगा दी थी. इसके बाद फीस के संग्रह के उपरोक्त आधान को स्कूलों में इस शर्त के साथ खोलने तक बढ़ा दिया गया था कि किसी भी छात्र का नाम स्कूल की फीस का भुगतान न करने पर भी काटा नहीं जाएगा. राजस्थान हाईकोर्ट के समक्ष याचिकाए दायर कर राज्य सरकार के इन आदेशों को चुनौती दी गई थी. हाईकोर्ट की एकल पीठ ने विद्यालयों के प्रबंधन के निर्देशों के साथ याचिका का निपटारा किया कि छात्रों को अपनी पढ़ाई ऑनलाइन जारी रखने की अनुमति दें. छात्रों को कुल ट्यूशन फीस का 70% जमा करने की अनुमति दें. ट्यूशन फीस का 70% मार्च 2020 से तीन किश्तों में जमा करने की अनुमति दी जाए और उक्त शुल्क का भुगतान न करने पर छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है लेकिन वे स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएंगे. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Tahawwur Rana Extradition: तहव्वुर राणा के खिलाफ केस लड़ने वाला वकील कौन है? | NDTV India
Topics mentioned in this article