सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 15 मार्च से ‘हाइब्रिड' सुनवाई (Hybrid hearing) के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में ही चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (Supreme Court Bar Association) ने सुप्रीम कोर्ट में 15 मार्च से ‘हाइब्रिड' सुनवाई के खिलाफ याचिका दाखिल की है. बार एसोसिएशन ने अपनी अर्जी में कहा कि हाइब्रिड' सुनवाई को लेकर बार एसोसिएशन से उनका पक्ष नही पूछा गया है.एसोसिएशन ने कहा है कि वह भी कोर्ट का अहम हिस्सा है. दरअसल, कोविड-19 महामारी के कारण कोर्ट में पिछले वर्ष मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई हो रही है. सुप्रीम कोर्ट ने ‘हाइब्रिड' शारीरिक सुनवाई के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी की है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में पिछले वर्ष मार्च से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई होने के बीच कई बार, बार तथा वकीलों की मांग रही है कि शारीरिक सुनवाई तुरंत फिर से शुरू होनी चाहिए.
गौरतलब है कि कोविड-19 के कारण मार्च-2020 से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए मुकदमों की सुनवाई कर रहे SC ने शनिवार को एसओपी (SOP) जारी किया. न्यायालय द्वारा जारी एसओपी के अनुसार, ‘‘प्रायोगिक आधार पर, और एक पायलट योजना के रूप में, मंगलवार, बुधवार और बृहस्पतिवार को सूचीबद्ध अंतिम सुनवाई व नियमित मामलों को ‘हाइब्रिड' तरीके से सुना जा सकता है. इसमें मामले के पक्षों की संख्या और अदालत कक्ष की क्षमता को ध्यान में रखा जाना चाहिए. सोमवार और शुक्रवार को सूचीबद्ध अन्य सभी मामलों को वीडियो / टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुना जाना जारी रहेगा.''