"मुझ पर मत चिल्लाइए...": इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर सुनवाई के दौरान वकील पर भड़के CJI डीवाई चंद्रचूड़

इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनीक नंबर्स न होने पर कोर्ट ने 16 मार्च को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को नोटिस देकर 18 मार्च तक जवाब मांगा था. कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी SBI से मिली जानकारी तुरंत अपलोड करने का निर्देश दिया है.

Advertisement
Read Time: 4 mins
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने SBI को 21 मार्च तक इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी देने को कहा है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार (18 मार्च) को  इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से कहा कि वह यूनीक बॉन्ड नंबर्स के इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी हर जानकारी 21 मार्च तक दे. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ मामले पर सुनवाई के दौरान वकील मैथ्यू नेदुम्पारा पर भड़क गए. CJI ने इलेक्टोरल बॉन्ड्स पर सुनवाई के दौरान नेदुम्पारा से कहा, "आप मुझपर चिल्लाइए मत. अगर आपको याचिका दाखिल करनी है, तो एप्लिकेशन दीजिए. हम यहां आपकी सुनवाई के लिए नहीं बैठे हैं."

नेदुम्पारा ने सुनवाई के दौरान कहा कि पूरा फैसला नागरिकों के पीठ पीछे दिया गया. नेदुम्पारा इस दौरान लगातार बोलते रहे. इस दौरान जस्टिस बी आर गवई ने कहा, "क्या आपको मानहानि का नोटिस चाहिए?" CJI ने कहा, "हम आपके लिए अपवाद नहीं बना सकते हैं. ये फैसला सबके लिए है. आप यहां तब आए जब फैसला दिया जा चुका है. हम अभी आपकी सुनवाई नहीं कर सकते हैं."

EXPLAINER: "काला धन रोकने का इकलौता रास्ता नहीं..." - चुनावी बॉन्ड पर SC के फ़ैसले के 5 अहम प्वाइंट

इसी सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के अध्यक्ष अधीश अग्रवाल ने स्वत: संज्ञान के लिए याचिका दाखिल की. इसपर चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, "मिस्टर अग्रवाल आप एक सीनियर वकील के अलावा SCBA के अध्यक्ष भी हैं. आपको प्रोसेस की पूरी जानकारी है. आपने मुझे लेटर भी लिखा है. ये सब पब्लिसिटी के लिए है. इसको रहने दीजिए. मैं इसपर कुछ कहना नहीं चाहता हूं."

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- "21 मार्च की शाम 5 बजे तक SBI के चेयरमैन एक एफिडेविट भी दाखिल करें कि उन्होंने सारी जानकारी दे दी है. SBI जानकारियों का खुलासा करते वक्त सिलेक्टिव नहीं हो सकता. इसके लिए आप हमारे आदेश का इंतजार न करें." CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा- "SBI चाहती है कि हम ही उसे बताएं किसका खुलासा करना है, तब वे बताएंगे. ये रवैया सही नहीं है."

इलेक्टोरल बॉन्ड के यूनीक नंबर्स न होने पर कोर्ट ने 16 मार्च को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) को नोटिस देकर 18 मार्च तक जवाब मांगा था. कोर्ट ने चुनाव आयोग को भी SBI से मिली जानकारी तुरंत अपलोड करने का निर्देश दिया है.

Advertisement

Exclusive : इलेक्टोरल बॉन्ड BJP की देन, इसलिए मिला चुनावी चंदे का हिसाब- देवेंद्र फडणवीस

15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर लगाई गई थी रोक
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को फैसला देते हुए राजनीतिक फंडिंग के लिए इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- "यह स्कीम असंवैधानिक है. बॉन्ड की गोपनीयता बनाए रखना असंवैधानिक है. यह स्कीम सूचना के अधिकार का उल्लंघन है."

Advertisement

11 मार्च को कोर्ट ने SBI को दिया था डिटेल सौंपने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने 11 मार्च के फैसले में SBI को इलेक्टोरल बॉन्ड की पूरी डिटेल देने का निर्देश दिया था. चुनाव आयोग ने इससे पहले 14 मार्च को 763 पेज की दो लिस्ट में अप्रैल 2019 के बाद खरीदे या कैश किए गए बॉन्ड की जानकारी​​ वेबसाइट पर ​​​​​अपलोड की थी. एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी, जबकि दूसरी में राजनीतिक दलों को मिले बॉन्ड की डिटेल थी. हालांकि, SBI ने डिटेल में इसका खुलासा नहीं किया गया कि किस डोनर ने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दिया. 

Advertisement

17 मार्च को चुनाव आयोग ने अपलोड किया नया डेटा
इसके बाद चुनाव आयोग ने रविवार (17 मार्च) को अपनी वेबसाइट पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से 16 मार्च को मिला इलेक्टोरल बॉन्ड का नया डेटा अपलोड किया. नए डेटा में फाइनेंशियल ईयर 2017-18 के बॉन्ड्स की जानकारी शामिल है. डेटा के मुताबिक, बीजेपी ने कुल 6 हजार 986 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड कैश कराए. 

इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है?
इलेक्टोरल बॉन्ड एक तरह का प्रॉमिसरी नोट होता है. इसे बैंक नोट भी कहते हैं. इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से खरीद सकती है. इस स्कीम को 2017 के बजट में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेश किया था. 2 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने इसे नोटिफाई किया. 

अरुण जेटली ने इसे पेश करते वक्त दावा किया था कि इससे राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाली फंडिंग और चुनाव व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी. साथ ही ब्लैक मनी पर कंट्रोल होगा. जबकि, इसका विरोध करने वालों का कहना था कि इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाले की पहचान जाहिर नहीं की जाती है, इससे ये चुनावों में ब्लैक मनी के इस्तेमाल का जरिया बन सकते हैं.

"ब्योरा छिपाने के लिए बैंक को बना रहे ढाल..." : इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर SBI के समय मांगने पर कांग्रेस

Featured Video Of The Day
Hathras Stampede: Hathras में सत्संग में मची भगदड़, 100 से ज़्यादा लोगों की मौत | Khabron Ki Khabar