- कर्नल बाला के नाम से चर्चित एडवोकेट आर बालासुब्रमण्यम का एम्स दिल्ली में निधन हो गया.
- सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कर्नल बाला एक अद्भुत व्यक्ति और अच्छे इंसान थे.
- जस्टिस केवी विश्वनाथन, पूर्व CJI DY चंद्रचूड़, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता आदि ने भी शोक जताया.
मुस्कुराता चेहरा, मिलनसार आवाज़ और सशस्त्र बलों के हमेशा मददगार... सीनियर एडवोकेट कर्नल आर. बालासुब्रमण्यम की कमी सुप्रीम कोर्ट के वकीलों को ही नहीं, जजों को भी खलेगी. प्रियजनों के बीच कर्नल बाला के नाम से चर्चित एडवोकेट बालासुब्रमण्यम का 13 सितंबर को दिल्ली के एम्स में हृदय संबंधी बीमारियों के कारण निधन हो गया. सुप्रीम कोर्ट के जजों, रिटायर्ट जजों और वरिष्ठ वकीलों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है.
जस्टिस सूर्यकांत
सुप्रीम कोर्ट मंगलवार सुबह 10.30 बजे जब सुनवाई के लिए बैठा तो वरिष्ठतम जज और भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की दौड़ में शामिल जस्टिस सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास सिंह से कर्नल बाला के बारे में पूछा, "मिस्टर सिंह, क्या हमने कर्नल बाला को खो दिया है? वह एक अद्भुत व्यक्ति और अच्छे इंसान थे. हमें उनसे सैन्य मामलों में खासकर अच्छी मदद मिली. यह एक बहुत बड़ी क्षति है." विकास सिंह ने उत्तर दिया, "हां माई लॉर्ड, उनका परसों निधन हो गया. यह बार के लिए भी एक बड़ी क्षति है."
जस्टिस केवी विश्वनाथन
सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस केवी विश्वनाथन ने NDTV से बात करते हुए कहा, "वरिष्ठ वकील कर्नल (सेवानिवृत्त) आर. बालासुब्रमण्यम के आकस्मिक और असामयिक निधन से सुप्रीम कोर्ट की लीगल कम्युनिटी स्तब्ध है. कर्नल बाला के निधन से उनके सैकड़ों मित्र और शुभचिंतक व्यक्तिगत क्षति का अनुभव कर रहे हैं. अपने मिलनसार और हमेशा मददगार स्वभाव के कारण उन्होंने लोगों के बीच अपनी एक अलग छवि बनाई. एक कमीशन अधिकारी से लेकर एक वरिष्ठतम वकील तक का उनका पेशेवर सफर, सेना की जेएजी शाखा में योगदान और रिटायरमेंट के बाद एक वकील और एक नामित वरिष्ठ वकील के रूप में उनका योगदान काफी प्रेरणादायी रहा है. उन्होंने पीठ का सम्मान अर्जित किया. उनकी कमी हमेशा खलेगी.
तुषार मेहता, सॉलिसिटर जनरल
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा कि कर्नल बाला दिल से एक सज्जन इंसान थे. एक वफ़ादार दोस्त, एक सभ्य व भरोसेमंद इंसान थे. वह ऐसे शख्स थे, जिनकी बातों पर भरोसा किया जा सकता था. बहुत सारी सुखद यादें मन में आ रही हैं. मेरे दोस्त, आप जहां भी रहो, धन्य रहो."
डी.वाई. चंद्रचूड़, पूर्व CJI
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की भी प्रतिक्रिया आई. उन्होंने कहा, "कर्नल बालासुब्रमण्यम ने एक सैन्य अधिकारी के रूप में अपने नैतिक मूल्यों को वकील के रूप में अपने कार्यों में उतारा. उन्हें सशस्त्र बलों से संबंधित मामलों में विशेषज्ञता हासिल थी, लेकिन उनके काम में विविधता थी. वह पूरी तरह से अनुशासित थे और संस्था की गरिमा को बनाए रखते थे. उन्होंने जिस मामले में भी पैरवी या बहस की, उसमें भी न्याय को ऊपर रखा.
जस्टिस चंद्रचूड़ ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज और बाद में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, मैं उनके साफ दिल और सुलझे दिमाग के कारण उनका सम्मान करता था. अदालत में भी उन्हें कर्नल बाला कहकर संबोधित करता था, भले ही इसके लिए मुझे बार मेंबर्स को संबोधित करने के पारंपरिक तरीके से हटना पड़ा था. वह हर बात का जवाब आंखों में चमक और मुस्कान के साथ देते थे. उनका निधन कानूनी पेशे और उनके प्रिय उद्देश्यों के लिए एक बड़ी क्षति है. हमारे प्रिय मित्र और सहयोगी कर्नल बाला की आत्मा को शांति मिले."
अमित शर्मा, वाइस प्रेसिडेंट, SCAORA
सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट अमित शर्मा ने उन्हें याद करते हुए कहा, "कर्नल बाला कानूनी बिरादरी में एक प्रतिष्ठित शख्स थे. उन्हें एक वरिष्ठ वकील के अलावा, उनकी विद्वता और विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त सैन्य अधिकारी के लिए सम्मान प्राप्त था. वह हमारे देश के संभवतः एकमात्र वरिष्ठ वकील थे, जिन्हें यह सम्मान मिला. एक बेहतरीन स्पिनर होने के साथ-साथ, उन्होंने क्रिकेट के मैदान और कोर्ट रूम में उसी कुशलता से पारी निभाई. उनके असामयिक निधन ने एक ऐसा शून्य पैदा कर दिया है, जिसका एहसास उन्हें जानने वालों और इस पेशे से जुड़े लोगों को वर्षों तक महसूस होगा."