सुप्रीम कोर्ट के एक वकील की सात साल की बेटी एक गंभीर बीमारी से जूझ रही है. इस बीमारी के इलाज के लिए पिता को अनुमानित 33 लाख रुपए की जरूरत थी, जो कि उसके पास नहीं थे. फैनकोनी एनीमिया से जूझ रही अपनी सात साल की बच्ची के इलाज के लिए वकील पिता सिर्फ 13 लाख रुपए ही जुटा सका, बाकी के पैसे उसके पास नहीं थे. वकील की बेटी के इलाज के लिए अब सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बार एसोसिएशन सामने आया और बच्ची के इलाज (Child Treatment) के लिए पूरी रकम का इंतजाम हो गया.अब जल्द ही बच्ची का इलाज शुरू होने जा रहा है.
बार एसोसिएशन के सेकेट्री रोहित पांडे और ज्वॉइंट सेक्रेट्री मीनेश दुबे ने वकील की मदद का बीड़ा उठाया. उनकी अपील पर वरिष्ठ वकील चंद्र उदय सिंह , राज शेखर राव , पारस कुहाड़, गुरु कृष्ण कुमार , सोनिया माथुर और नरेंद्र हुडा ने करीब 5 लाख रुपये की मदद की, लेकिन फिर बेटी के इलाज के लिए वकील पिता को 15 लाख रुपए की जरूरत थी.
मासूम की जिंदगी बचाने की मुहिम पूरी
मीनेश दुबे ने बताया कि जब साल्वे सर को बच्ची की बीमारी के बारे में पता चला तो वह तुरंत 15 लाख रुपए की मदद करने के लिए तैयार हो गए. उन्होंने अगले दिन ही यह रकम खाते में ट्रांसफर भी कर दी. इस तरह एक मासूम की जिंदगी बचाने की मुहिम पूरी हो गई. अब उसका इलाज शुरू होगा. मीनेश दुबे के मुताबिक बच्ची के पिता बार एसोसिएशन के सदस्य हैं. अपनी बेटी के इलाज के लिए मदद मांगने वह उनके पास पहुंचे थे. पहली पीढ़ी के वकील होने की वजह से उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह बेटी का इलाज का पूरा खर्च उठा सकें, जिसके बाद उन्होंने तय किया कि बच्ची की जिंदगी बचाने के लिए वह कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे. इसके बाद इलाज के लिए पैसे जुटाने की कोशिश शुरू की गई.
बार एसोसिएशन करता है जरूरतमंद सदस्यों की मदद
बार एसोसिएशन के ज्वॉइंट सेक्रेट्री मीनेश दुबे का कहना है कि बार एसोसिएशन समय- समय पर अपने सदस्यों की आर्थिक रूप से सहायता करने की कोशिश करता रहा है. बहुत सारे वरिष्ठ वकील और दूसरे वकील जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आते हैं. उनकी एक पहल से एक सदस्य की बेटी की गंभीर बीमारी का इलाज शुरू होने जा रहा है.