2007 में रामपुर में समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक बयानबाजी का मामले में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान को राहत मिली है. कोर्ट ने इस मामले में वायस सैंपल देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई है. आजम खान की याचिका पर SC ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. आजम खान के खिलाफ 2007 में रामपुर में समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करने पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिस मामले में निचली अदालत ने आजम खान को वॉयस सैम्पल देने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट से भी आजम खान को राहत नहीं मिली थी. हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ आजम खान ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है.
आजम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 25 जुलाई के आदेश के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था. उच्च न्यायालय ने आजम की याचिका का निपटारा करते हुए मामले में रामपुर की अदालत का फैसला बरकरार रखा था. धीरज कुमार शील नाम के एक व्यक्ति ने 2007 में आजम के खिलाफ टांडा पुलिस थाने में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण)अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज कराई थी.
शील ने सपा नेता पर नफरत भरा भाषण देने और बसपा अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था. रामपुर में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना) और 171-जी (चुनाव के संबंध में गलत बयान देना) के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने आजम के खिलाफ जनप्रतिनिधित्व अधिनियम और अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराएं भी लगाई थीं.
(इनपुट्स भाषा से भी)