राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग... समाजवादी पार्टी को सुप्रीम कोर्ट ने क्‍यों फटकारा 

सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी को कहा कि फिलहाल आप अनधिकृत कब्जाधारी हैं और लीज रद्द कर दी गई है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
  • सुप्रीम कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की पीलीभीत जिला परिषद कार्यालय से बेदखली चुनौती वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार किया है.
  • कोर्ट ने समाजवादी पार्टी को सिविल कोर्ट जाकर लंबित मामले में अपनी दलीलें प्रस्तुत करने को निर्देश दिया है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग करने से व्यवस्था पर जनता का भरोसा प्रभावित होता है.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
नई दिल्‍ली:

समाजवादी पार्टी को पीलीभीत जिला परिषद कार्यालय से बेदखली के मामले में सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई से इनकार किया जिसमें पीलीभीत ज़िला कार्यालय से नगर पालिका परिषद द्वारा बेदखल किए जाने को चुनौती दी गई दी गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने अब समाजवादी पार्टी को सिविल कोर्ट जाने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वहां पहले से सिविल सूट लंबित है तो वहीं, अपनी बात रखें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम मामले के गुण- दोष पर कुछ नहीं कह रहे हैं.  

इलाहाबाद हाई कोर्ट जाने का आदेश 

सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने समाजवादी पार्टी के वकील से कहा, 'आपने यह परिसर कैसे हासिल किया था? देश की जनता को व्यवस्था पर विश्वास होना चाहिए. अगर आपने राजनीतिक ताकत का इस तरह दुरुपयोग किया है तो भरोसा कैसे होगा?' इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने समाजवादी पार्टी की तरफ से दायर याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता समाजवादी पार्टी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने की अनुमति दी थी.  

'आप अनाधिकृत कब्‍जाधारी' 

वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने समाजवादी पार्टी की पैरवी करते हुए कहा कि पीलीभीत नगर पालिका अधिकारियों ने वह परिसर पार्टी को दिया था. ऐसे में वे इस तरह हमारे परिसर पर ताले नहीं लगा सकते. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि फिलहाल आप अनधिकृत कब्जाधारी हैं और लीज रद्द कर दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा जब आप राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग करते हैं, तब प्रक्रिया की याद नहीं रहती.  

ट्रायल कोर्ट में चल रहा मामला 

अपने आदेश में बेंच ने कहा कि हमें बताया गया है कि ट्रायल कोर्ट के समक्ष सिविल मुकदमा लंबित है. लिहाजा अभी हम इस पर कोई राय व्यक्त नहीं कर रहे हैं. याचिकाकर्ता ट्रायल कोर्ट के समक्ष अंतरिम राहत के लिए जा सकता है. उनकी याचना पर कानून और नियमों के अनुसार विचार किया जाएगा. जस्टिस सूर्यकांत ने आखिर में समाजवादी पार्टी से कहा कि कृपया यह मत कहिए कि कोर्ट हड़ताल पर था, वकील हड़ताल पर थे. हड़ताल के दौरान भी हमने बहुत सख्त आदेश पारित किया था. 

Featured Video Of The Day
Sambhal Bulldozer Action से बढ़ा सियासी टेंशन | Syed Suhail | Bharat Ki Baat Batata Hoon