यूपी में हुए एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट की नजर, राज्य सरकार से मांगा गया 2017 से अबतक का ब्योरा

सुप्रीम कोर्ट ने अतीक की बहन आएशा नूरी की याचिका पर भी नोटिस जारी कर यूपी सरकार से जवाब मांगा है. जिसके बाद यूपी सरकार को चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट देना होगा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने कहा यूपी सरकार इन 183 मामलों में ट्रायल आदि का ब्योरा दे .
नई दिल्ली:

यूपी में गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा कदम उठाया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से 2017 से अब तक हुई 183 मुठभेड़ों का ब्योरा मांगा है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार से पूछा है कि एनकाउंटर की निगरानी की क्या व्यवस्था है ? क्या एनकाउंटर में  NHRC और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन किया गया ?

अतीक की बहन आएशा नूरी की याचिका पर मांगी गई रिपोर्ट
इन सारे सवालों के जवाब के साथ ही यूपी सरकार से चार हफ्ते में स्टेटस रिपोर्ट मांगी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने अतीक की बहन आएशा नूरी की याचिका पर भी नोटिस जारी कर यूपी सरकार से जवाब मांगा है.

यूपी सरकार को 183 मामलों में ट्रायल आदि का देना होगा ब्योरा
आज हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने कहा यूपी सरकार इन 183 मामलों में ट्रायल आदि का ब्योरा दे. हम यहां जांच के लिए नहीं हैं ,लेकिन हम जानना चाहते हैं कि क्या कोई सिस्टम मौजूद है ? ऐसा क्यों हो रहा है ? चिंता की बात है कि जेल में घटनाएं क्यों हो रही हैं. न्यायिक हिरासत में भी घटनाएं हो रही हैं. सिर्फ यूपी ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी पुलिस के भीतर ही कुछ तत्व हैं. यहां दो व्यक्तियों को पुलिस ने घेर लिया था फिर भी ऐसा हुआ यह कैसे भरोसा दिलाएगा.  

Advertisement

पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम फिलहाल ये देख रहे हैं कि क्या इसमें सिस्टम की विफलता है ? सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार के हलफनामे का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ताओं को समय दिया था. दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है.

Advertisement

सरकार ने घटना की जांच के लिए किया एसआईटी का गठन
हत्याकांड की अदालत की निगरानी में जांच की मांग करने वाली विशाल तिवारी की याचिका पर दाखिल स्टेटस रिपोर्ट  में यूपी सरकार का कहना है कि अतीक और अशरफ कुख्यात अपराधी थे. अतीक के खिलाफ 100 से अधिक आपराधिक मामले थे. दो गैंगस्टरों की हत्या के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अरविंद कुमार के नेतृत्व में  पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया गया है . मामले की जांच की जा रही है. सरकार ने घटना की जांच के लिए एक एसआईटी का गठन भी किया है.

Advertisement

घटना स्थल पर मौजूद अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश
इस मामले में 34 चश्मदीदों से पूछताछ की गई और पता चला कि अतीक अहमद के हत्यारों ने दोनों गैंगस्टर भाइयों की रेकी की थी. मीडिया की आड़ में 9 से दस सेकेंड में भी हत्याकांड को अंजाम दिया गया. इसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की. मौके पर मौजूद अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं. आयोग के लिए जांच पूरी करने का समय तीन महीने बढ़ाया गया है. 

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगा मामले की सुनवाई
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि सरकार सुरक्षा चूक की जांच कर रही है, कोई कसर नहीं छोड़ रही है. कोतवाली थाने में शस्त्र क्लर्क के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया है. राज्य भर में पुलिस सुधार और आधुनिकीकरण के उपाय चल रहे हैं. अपराधियों को आसानी से भागने से रोकने के लिए हथकड़ी लगाने के निर्देश जारी किए गए हैं .सुप्रीम कोर्ट सोमवार को मामले की सुनवाई करेगा.
 

Featured Video Of The Day
Child Marriage Free India: बाल विवाह को को लेकर बातचीत और बहस जरूरी: Gul Panag