सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली की परियोजनाओं में अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो के खरीद को मंजूरी दे दी. सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में खाली जमीन पर 10 हजार से अधिक अतिरिक्त फ्लैटों का निर्माण का रास्ता साफ हो गया.
एफएआर खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी
आम्रपाली के फंसे परियोजनाओं को तैयार करने के लिए सरकारी कंपनी एनबीसीसी अतिरिक्त फ्लैटों का निर्माण की कवायद कर रही थी ताकि इसे धन की कमी को दूर किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से अतिरिक्त एफएआर खरीद को लेकर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. अतिरिक्त एफएआर के बदले में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 18 फीसदी जीएसटी सहित 604.64 करोड़ रुपये मिलेंगे. जबकि नोएडा प्राधिकरण को 18 फीसदी सीएसटी सहित 258.4 करोड़ रुपये मिलेंगे.
परियोजनाओं का पूरा कराने के लिए रिसीवर नियुक्त
आम्रपाली के फंसी हुई परियोजनाओं का पूरा कराने के लिए रिसीवर नियुक्त किए गए केंद्र सरकार के अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 604.64 करोड़ में से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 115 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. परियोजना का काम पूरा कर रही एनबीसीसी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ दवे, दोनों प्राधिकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मौजूदा घर खरीददारों की ओर से पेश हो रहे वकील को एक बैठक करने और एफएआर के मुद्दे को सुलझाने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट का सभी पक्षों को ये निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी के कार्यालय में 26 अगस्त को बैठक हुई और यह तय किया गया है कि अतिरिक्त एफएआर के बदले में दोनों प्राधिकरणों को कैसे भुगतान किया जाए. सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए बैठक के मसौदे के मुताबिक जनवरी, 2025 तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 242.46 करोड़ और नोएडा प्राधिकरण को 129.12 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए. इतनी ही रकम की अगली किस्त मार्च, 2025 तक भुगतान किया जाना है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त एफएआर खरीद को मंजूरी देते हुए कहा कि सभी पक्ष सहयोग करेंगे.