टाटा को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को कार्यकारी चेयरमैन के पद से हटाने को सही ठहराया

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने ये फैसला सुनाया है. पिछले साल 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले 2 दिसंबर को मिस्त्री द्वारा टाटा टंस के शेयरों के जरिए पूंजी जुटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे .

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
सुप्रीम कोर्ट ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी चेयरमैन के पद से हटाने को सही ठहराया है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) को टाटा समूह (Tata Group) के कार्यकारी चेयरमैन के पद से हटाने को सही ठहराया है. इसके साथ ही कोर्ट ने मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल करने के NCLAT के फैसले को रद्द कर दिया है. 18 दिसंबर, 2019 को नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में बहाल कर दिया था.

मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यन की पीठ ने ये फैसला सुनाया है. पिछले साल 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था. इससे पहले 2 दिसंबर को मिस्त्री द्वारा टाटा टंस के शेयरों के जरिए पूंजी जुटाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे.

सुप्रीम कोर्ट ने मिस्त्री फर्मों और शापूरजी पल्लोनजी मिस्त्री के खिलाफ टाटा संस में अपने शेयरधारिता की सुरक्षा के खिलाफ पूंजी जुटाने, गिरवी रखने, शेयरों के संबंध में कोई हस्तांतरण या कोई और कार्रवाई ना करने का आदेश दिया है. 5 सितंबर को, टाटा संस ने शीर्ष अदालत का रुख किया था, जिसमें शापूरजी पल्लोनजी ग्रुप (एसपी ग्रुप) को टाटा संस में रखे गए शेयरों को गिरवी रखने से रोकने की मांग की गई थी, जब मिस्त्री समूह ने ब्रुकफील्ड के साथ 3,750 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

Advertisement

टाटा बनाम साइरस मिस्त्री विवाद, जानें अब तक क्या-क्या हुआ?

मिस्त्री परिवार टाटा संस में 18.5 प्रतिशत का मालिक है, जबकि टाटा ट्रस्ट और टाटा समूह की कंपनियों के पास बाकी हिस्सेदारी है. अक्टूबर 2016 में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष से हटाए जाने के बाद दिसंबर 2016 से टाटा समूह और एसपी समूह एक कानूनी लड़ाई में शामिल हो गई थी. 

Advertisement

1 अप्रैल से जारी होने वाले चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

सुप्रीम कोर्ट ने NCLAT द्वारा अच्छी तरह से सुलझाए गए सिद्धांत को पलट दिया है. कानून के सभी प्रश्न टाटा समूह के पक्ष में गए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टाटा संस के शेयरों का मूल्य इक्विटी पर निर्भर करता है. शेयरों के मुद्दे को हल करने के लिए कानूनी रास्ता अपनाने के लिए टाटा संस और मिस्त्री के ऊपर छोड़ दिया गया है. SC ने टाटा संस के शेयरों के मूल्यांकन के मुद्दे को भी दोनों पर खुला छोड़ दिया है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Pakistan Train Hijack BREAKING: Balochistan Liberation Army से 80 यात्री छुड़ाए गए