दिल्ली में कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन का गंभीर संकट पैदा हो गया है. ज्यादातर अस्पताल महज कुछ घंटों के ऑक्सीजन स्टॉक (oxygen shortage) पर काम कर रहे हैं. जबकि तमाम अस्पताल मरीजों को वापस लौटा रहे हैं, क्योंकि उनके पास ऑक्सीजन ही नहीं है, जिससे मरीजों को राहत दी जा सके. ऐसी ही बेबसी बयां करते हुए दिल्ली के एक अस्पताल के सीईओ (Dr Sunil Saggar) कैमरे के सामने रो पड़े. ऐसी ही कुछ लाचारी दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल ( Shanti Mukand Hospital) के सीनियर डॉक्टर और सीईओ सुनील सागर ने जाहिर की.
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दिल्ली के शांति मुकुंद अस्पताल ( Shanti Mukand Hospital) के सीनियर डॉक्टर और सीईओ सुनील सागर ने एएनआई से बातचीत में कहा, "एक डॉक्टर और एक अस्पताल के तौर पर समझा जाता था कि हम लोगों को जीवन देंगे. लेकिन अगर हम कोरोना मरीजों को ऑक्सीजन भी नहीं दे सकते तो समझिए क्या हालात हैं... मरीज मर जाएंगे."सागर ने कहा, हमारे पास बमुश्किल थोड़ी ऑक्सीजन बची है. हमारे पास जो भी सिलेंडर हैं, हम उन्हें ICU beds के मरीजों को दे रहे हैं.
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सागर ने आगाह किया कि ऑक्सीजन का स्टॉक दो घंटे ही है. हमारे पास 110 मरीज ऑक्सीजन हैं. इनमें COVID-19 के अलावा कैंसर और हृदय रोग से पीड़ित मरीज भी हैं. सागर के मुताबिक, हमने डॉक्टरों से अनुरोध किया है कि उन मरीजों को तुरंत ही डिस्चार्ज किया जाए, जिन्हें ऐसा किया जा सकता है. अस्पताल का कहना है कि उन्हें ऑक्सीजन पहुंचाने वाली INOX ने फोन तक उठाना बंद कर दिया है.
रोहिणी के सरोज सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (Rohini's Saroj Super Speciality Hospital) में भी ऐसा ही नजारा था. यहां 51 साल के आशीष गोयल अपने पिता के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की मांग को लेकर अस्पताल के सामने गुहार लगाते रहे. गोयल के पिता वेंटिलेटर पर हैं, लेकिन अस्पताल ने बताया कि उनके पास महज 15 मिनट की सप्लाई ही बची है. गोयल ने NDTV से कहा कि ये बेहद डरावनी घटनाएं हैं, कोई भी हमारी मदद को आगे नहीं आ रहा है. गाजियाबाद के लक्ष्मीचंद्रा हॉस्पिटल ( Lakshmichandra Hospital) की एंबुलेंस अब ऑक्सीजन सिलेंडर की आवाजाही में लगी हैं. अस्पताल के 118 कोविड मरीज ऑक्सीजन के लिए जूझ रहे हैं.
दिल्ली में कोरोना के बेतहाशा बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन का गंभीर संकट पैदा हो गया है. ज्यादातर अस्पताल महज कुछ घंटों के ऑक्सीजन स्टॉक (oxygen shortage) पर काम कर रहे हैं. जबकि तमाम अस्पताल मरीजों को वापस लौटा रहे हैं, क्योंकि उनके पास ऑक्सीजन ही नहीं है, जिससे मरीजों को राहत दी जा सके.