देशभर में महंगाई ने आम लोगों को पहले से परेशान कर रखा है. ऐसे में पिछले दिनों नींबू की बढ़ी कीमतों ने लोगों का सिरदर्द और बढ़ा दिया. लेकिन अगर कोई आपसे ये कहे कि नींबू की वजह से एक जेल अधिकारी सस्पेंड हो गए तो यकीनन आपको अजीब लगेगा. लेकिन हाल ही में एक ऐसा ही वाकया सामने आया है. ये मामला पंजाब की कपूरथला माडर्न जेल का है. जहां के जेल सुपरिंटेंडेंट के आदेश पर गर्मी में 200 रूपये किलो के हिसाब से कैदियों के लिए आधा क्विंटल नींबू मंगवाए गए. लेकिन ये नींबू कैदियों को कभी नसीब नहीं हुए. सारी हेराफेरी की पोल उस समय खुली, जब जांच टीम निरीक्षण करने पहुंची.
कैदियों ने पूछताछ में साफ कह दिया कि उन्होंने राशन में नींबू कभी नहीं खाए. इसके बाद जेल मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कपूरथला केंद्रीय जेल के अधीक्षक गुरनाम लाल को सस्पेंड कर दिया. जांच में गबन और कुप्रबंधन सहित कई अनियमितताएं भी सामने आई हैं. कैदियों की कई शिकायतों के बाद एडीजीपी (जेल) वीरेंद्र कुमार ने 1 मई को जेल में औचक निरीक्षण करने के लिए 1 डीआईजी (जेल) और लेखा अधिकारी को भेजा था. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में पाया कि कैदियों को दिए जाने वाले भोजन की गुणवत्ता खराब थी और जेल नियमावली में तय की गई मात्रा पर्याप्त नहीं थी.
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जेल में बन रही प्रत्येक चपाती का वजन 50 ग्राम से कम था, जिससे संकेत मिलता था कि कई क्विंटल आटे का भी गबन किया गया था. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल अधिकारी की तरफ से सब्जियों की खरीद में भी गड़बड़ी की गई है. असल में जेल अधीक्षक ने 5 दिनों के लिए सब्जियां खरीदी दिखाई, लेकिन कैदी कम दिनों के लिए सब्जियां खरीदने का दावा कर रहे हैं." मामले की जांच में जो सच आया उस वजह से जेल सुपरिटेंडेट को सस्पेंड कर दिया गया.
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