- बिजनेसमैन संजय कपूर की संपत्ति विवाद पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शुक्रवार को नया ट्विस्ट आया.
- एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के बच्चों की तरफ से वसीयत को फर्जी बताते हुए संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया गया है.
- ये भी आरोप लगाया है कि संपत्ति की लिस्ट को गोपनीय रखने की शर्त संपत्ति को ठिकाने लगाने के लिए है.
दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर संपत्ति विवाद में नया ट्विस्ट आ गया है. दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के बच्चों के वकील ने कथित वसीयत को फर्जी करार दिया और आशंका जताई कि गोपनीयता का दिखावा संजय की संपत्ति को ठिकाने के लिए है. उन्होंने इसे बच्चों को उनके जायज हक से वंचित करने की चाल करार दिया. ये भी दावा किया कि दो बैंक खाते पूरी तरह खाली किए जा चुके हैं. एक कंपनी में 6 फीसदी शेयर भी संजय की पत्नी प्रिया कपूर ने अपने नाम कर लिए हैं.
सीलबंद लिफाफे में संपत्ति की लिस्ट देने की पेशकश
दरअसल प्रिया कपूर ने अदालत में अर्जी दाखिल करके संपत्ति की लिस्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करने की इजाजत मांगी है. उनकी मांग है कि इस लिस्ट को गोपनीयता के दायरे में रखा जाए ताकि कोई भी इसकी जानकारी सार्वजनिक न कर सके. गोपनीयता की यह शर्त सभी संबंधित लोगों पर लागू हो. हाईकोर्ट में सुनवाई शुरु होने पर प्रिया की तरफ से पेश हुए सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने संपत्ति की लिस्ट देने की बात दोहराई और कहा कि वह सिर्फ ये चाहते हैं कि लिस्ट को सार्वजनिक न किया जाए. इस लिस्ट के बारे में अदालत के बाहर किसी तरह की चर्चा न की जाए.
संपत्ति को ठिकाने लगाने की साजिश का आरोप
इस पर जस्टिस ज्योति सिंह ने कहा कि आज की चिंता सभी पक्षों के हित में है, न कि हर बात को सार्वजनिक करने में. हाईकोर्ट ने करिश्मा के वकील से कहा कि हमें ऐसा तरीका बताइए जिससे गोपनीयता बनाए रखी जा सके. इस पर करिश्मा के वकील जेठमलानी ने कहा कि गोपनीयता का दिखावा है ताकि संपत्ति को तितर-बितर किया जा सके. क्या ये ऐसा मामला है, जिसे गोपनीय रखा जाए. मेरे ख्याल से ऐसा नहीं है. ये चीजें सबके सामने आनी चाहिए.
'बच्चों को हक से वंचित किया जा रहा'
जेठमलानी ने दावा कि करिश्मा के बच्चों को संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी गई है. जैसे ही हमने इस बारे में उन्हें लेटर लिखा, गतिविधियों की बाढ़ आ गई. उन्होंने आरोप लगाया कि वसीयत के तहत जो संपत्तियां थीं, उन्हें प्रिया कपूर ने अपने नाम कर लिया. इस फर्जी वसीयत के आधार पर बच्चों को उनके हक से वंचित किया जा रहा है.