महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) से जुड़े भ्रष्टाचार मामले की गोपनीय रिपोर्ट लीक करने के लिए सीबीआई (CBI) के एक सब-इंस्पेक्टर को आईफोन 12 प्रो रिश्वत के तौर पर ऑफर किया गया था, जिसकी कीमत ₹ 1 लाख से अधिक है. जांचकर्ताओं ने कहा कि उप-निरीक्षक अभिषेक तिवारी और पूर्व मंत्री के वकील आनंद डागा को सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ जांच को प्रभावित करने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. अनिल देशमुख ने अप्रैल में मुंबई के पूर्व पुलिस प्रमुख परमबीर सिंह द्वारा भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद पद छोड़ दिया था.
सीबीआई ने एनडीटीवी को मिली अपनी पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में कहा, "28.6.2021 को अभिषेक तिवारी अनिल देशमुख के खिलाफ मामले की जांच के सिलसिले में पुणे गए थे. पता चला है कि वकील आनंद डागा अभिषेक तिवारी से मिले थे और जांच के संबंध में विवरण पास करने के एवज में एक आईफोन 12 प्रो को अवैध रूप में सौंप दिया गया."
सीबीआई सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि अभिषेक तिवारी के पास से आईफोन 12 प्रो जब्त कर लिया गया है और फोरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है. सीबीआई ने आरोप लगाया कि तिवारी नियमित रूप से पूर्व मंत्री के वकील से रिश्वत ले रहे थे.
सीबीआई ने आरोप लगाया, "सूत्रों ने हमें बताया कि अभिषेक तिवारी ने कई मौकों पर आनंद डागा के साथ देशमुख के खिलाफ मामले की जांच से संबंधित कार्यवाही ज्ञापन, सीलिंग-अनसीलिंग ज्ञापन, बयान और जब्ती ज्ञापन जैसे विभिन्न दस्तावेजों की प्रतियां व्हाट्सएप के माध्यम से साझा कीं."
सीबीआई ने कहा, "अभिषेक तिवारी, जिन्हें अनिल देशमुख के खिलाफ जांच के हिस्से के रूप में संवेदनशील दस्तावेजों के कब्जे के साथ सौंपा गया था, शाखा के एक उप-निरीक्षक के रूप में अपनी क्षमता में, उक्त संपत्ति के संबंध में आपराधिक विश्वासघात किया है''.
सब-इंस्पेक्टर और वकील दोनों को गुरुवार को दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया गया. जांच रिपोर्ट लीक होने को लेकर गुरुवार को सीबीआई ने देशमुख के दामाद से भी पूछताछ की थी.
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