राजस्थान लोक सेवा आयोग ने भर्ती परीक्षाओं में अनुचित साधनों का प्रयोग करने वाले 524 अभ्यर्थियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है.
इनमें से 415 अभ्यर्थियों को आजीवन आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया गया है जबकि 109 अभ्यर्थियों को एक से पांच साल तक के लिए बैन किया गया है. बैन किए गए उम्मीदवारों में राजस्थान के साथ उत्तर प्रदेश के 5, हरियाणा के 2, बिहार के 1, दिल्ली के 1 और मध्य प्रदेश के 1 अभ्यर्थी भी शामिल हैं.
आयोग सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि डिबार किए गए अभ्यर्थियों के खिलाफ अलग-अलग श्रेणियों में अनियमितताएं सामने आई हैं. इनमें फर्जी डिग्री और दस्तावेज़ के 157 मामले हैं, जिनमें 126 फर्जी बीएड डिग्री शामिल हैं. एग्जाम में चीटिंग करने के 148 मामले दर्ज हुए, वहीं ब्लूटूथ, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस से नकल करने की 38 कोशिशें पकड़ी गईं. पेपर और ओएमआर शीट के दुरुपयोग के 62 मामले सामने आए जबकि डमी अभ्यर्थियों के 68 मामले दर्ज किए गए. इसके अलावा परीक्षा में रुकावट डालने, गलत सूचना देने और अन्य कारणों से भी 51 उम्मीदवारों को डिबार किया गया है.
सरकारी नौकरियों में तलाकशुदा महिलाओं के लिए निर्धारित कोटे का दुरुपयोग भी हुआ है. कई अभ्यर्थियों ने फर्जी तलाक सर्टिफिकेट बनवाकर नौकरी पाने का प्रयास किया. ऐसे मामलों में आयोग ने जांच एजेंसियों को पत्र लिखा है और रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी.
आयोग ने स्पष्ट किया कि अब किसी भी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले अभ्यर्थियों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है. इसी दिशा में 7 जुलाई 2025 से ई-केवाईसी प्रक्रिया शुरू की गई है. वन टाइम रजिस्ट्रेशन (OTR) में आधार या जन आधार नंबर अपडेट करना अनिवार्य किया गया है. ई-केवाईसी पूरी किए बिना कोई भी उम्मीदवार आगामी परीक्षाओं के लिए आवेदन नहीं कर सकेगा.
वर्तमान में OTR में 69 लाख 72 हजार 618 अभ्यर्थी रजिस्टर्ड हैं. इनमें 37 लाख 53 हजार 307 आधार से, 21 लाख 70 हजार 253 जन आधार से और 10 लाख 33 हजार 136 SSO आईडी से पंजीकृत हैं. इनमें से 48 हजार 667 अभ्यर्थियों ने ई-केवाईसी पूरी कर ली है.
डिबार किए गए अभ्यर्थियों में राजस्थान के टॉप-10 जिलों में जालोर 128 मामलों के साथ सबसे आगे है. इसके बाद बांसवाड़ा 81, डूंगरपुर 40, करौली 32, जोधपुर 27, बाड़मेर 24, नागौर 20, जयपुर 20, झुंझुनूं 19 और उदयपुर 17 मामले शामिल हैं.