समावेशी और सतत विकास के ब्रिक्स के एजेंडा को आगे बढ़ाने में भारत सक्रिय भागीदार : ओम बिरला

ब्रिक्स संसदीय मंच में नए सदस्यों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्वागत करते हुए बिरला ने नए सदस्यों को संगठन में निर्बाध रूप से शामिल किए जाने के लिए रूस के अध्यक्ष की सराहना की.

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नई दिल्ली:

भारत ने रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में शुरू हुए 'ब्रिक्स संसदीय मंच' के सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है. रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में शुरू हुए 10वें ब्रिक्स संसदीय मंच में भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व कर रहे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गुरुवार को पहले पूर्ण सत्र को संबोधित किया.

उन्होंने 'ब्रिक्स संसदीय आयाम : अंतर-संसदीय सहयोग को सुदृढ़ करने की संभावनाएं' पर अपने विचार व्यक्त किए. ब्रिक्स संसदीय सम्मेलन के शुभारंभ सत्र के दौरान उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हाल ही में दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत में हुए दुनिया के सबसे बड़े चुनाव (लोकसभा चुनाव) के बारे में जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव में लगभग 65 करोड़ मतदाताओं ने वोटिंग की, जिसके पश्चात नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि देश के निर्वाचित सदन लोकसभा ने उन्हें लगातार दूसरी बार स्पीकर पद पर निर्वाचित किया.

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ब्रिक्स संसदीय मंच में नए सदस्यों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात का स्वागत करते हुए बिरला ने नए सदस्यों को संगठन में निर्बाध रूप से शामिल किए जाने के लिए रूस के अध्यक्ष की सराहना की. उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाला ब्रिक्स वैश्विक शासन व्यवस्था को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने तथा वैश्विक स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है. समावेशी और सतत विकास के ब्रिक्स के एजेंडा को आगे बढ़ाने में संसदों और सांसदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि भारत इस दिशा में सक्रिय भागीदारी कर रहा है.

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उन्होंने उभरते बाजारों और विकासशील देशों को एकजुट करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के साथ ही परस्पर सम्मान, समझ, समानता, एकजुटता, पारदर्शिता, समावेशिता और आम सहमति के सिद्धांतों के प्रति भारत की निष्ठा के बारे में भी बात की. ब्रिक्स के सदस्य देशों और अन्य बहुपक्षीय मंचों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर देते हुए बिरला ने कहा कि भारत 'वसुधैव कुटुम्बकम' अर्थात 'समस्त संसार एक परिवार है', के सिद्धांत पर चलता है जो ब्रिक्स द्वारा अभिव्यक्त समानता, एकजुटता और परस्पर लाभकारी सहयोग की प्रतिबद्धता के अनुरूप है.

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पिछले वर्ष नई दिल्ली में 18वें जी-20 शिखर सम्मेलन और जी-20 देशों की संसदों के अध्यक्षों के नौवें शिखर सम्मेलन (पी-20) के सफल आयोजन का उल्लेख करते हुए बिरला ने कहा कि ये ऐतिहासिक आयोजन विश्व कल्याण और समावेशी विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग से संयुक्त प्रयास करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण हैं. भारत का मानना है कि सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 'एजेंडा 2030', सतत ऊर्जा परिवर्तन, महिला-पुरुष समानता और सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्म के बारे में नई दिल्ली में आयोजित पी-20 शिखर सम्मेलन में पीठासीन अधिकारियों के विचारों और प्रस्तावों से समावेशी और सतत विकास के लिए वैश्विक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.

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अंतर-संसदीय मंचों की भूमिका के बारे में बात करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि सांसद प्रगति और सतत विकास के एजेंडा को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. इस संदर्भ में ब्रिक्स संसदीय मंच को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मंच पर सांसदों को नए विचारों, नए कानूनों और सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने का अवसर प्राप्त होता है. सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने और जलवायु परिवर्तन, सामाजिक-आर्थिक विकास और गरीबी को दूर करने जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में संसदों के आपसी सहयोग के महत्व का भी उन्होंने उल्लेख किया.

ब्रिक्स संसदीय मंच को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बिरला ने कहा कि भारत परस्पर सहयोग और एकजुटता बढ़ाने, वैश्विक शासन व्यवस्था और बहुपक्षीय संगठनों में सुधार करने, आर्थिक सुधार को बढ़ावा देने और सतत विकास के लिए '2030 एजेंडा' के कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए ब्रिक्स संसदों के बीच सहयोग का पक्षधर है. अंतर-संसदीय सहयोग को मजबूत करने से ब्रिक्स देशों के बीच साझेदारी और अधिक समावेशी और लोकतांत्रिक होगी.

उन्होंने लोकतांत्रिक मूल्यों, सतत विकास और ब्रिक्स के एजेंडा को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. अंत में उन्होंने अपने रूसी समकक्ष और रूसी संघ की संसद द्वारा किए गए आतिथ्य- सत्कार के लिए आभार व्यक्त किया. बिरला ने आईपीयू अध्यक्ष तुलिया एक्सन से भी मुलाकात की. 10वीं ब्रिक्स संसदीय मंच की बैठक में भाग लेने के लिए बिरला की रूस यात्रा लोकसभा अध्यक्ष के रूप में लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए उनके चुनाव के बाद पहली विदेश यात्रा है.

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने अपने संबोधन की शुरूआत रशियन भाषा में 'डुबरा उतरा' से अभिवादन कर शुरू किया. उनकी इस पहल की रूस के संसद के दोनों सदनों के अध्यक्षों ने ताली बजाकर प्रशंसा की. बैठक में उपस्थित रूस के सांसदों ने भी ताली बजाकर भारत के लोकसभा अध्यक्ष का अभिवादन किया.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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