महाराष्ट्र में जुल्म की दास्तान सामने आई, रात में भाग ना जाएं इसलिए जंजीरों से बांधकर रखा जाता था मजदूरों को!

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई, पुलिस ने 11 मजदूरों को मुक्त कराया, ठेकेदार गिरफ्तार

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उस्मानाबाद में जंजीरों से जकड़ कर रखे गए 11 मजदूरों को मुक्त कराया गया है.
मुंबई:

महाराष्ट्र के उस्मानाबाद में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है. वहां ठेकेदार मजदूरों के पैर में जंजीर बांधकर रखता था ताकि वे भाग न जाएं. पुलिस ने 11 मजदूरों को मुक्त करा लिया है और ठेकदार को गिरफ्तार कर लिया है. जंजीरों से जकड़े होने के कारण मजदूरों को जख्म हो गए हैं. महाराष्ट्र के हिंगोली, नांदेड़, बुलढाना आदि क्षेत्रों के युवकों के अलावा मध्यप्रदेश के गरीब युवक भी इस ठेकेदार के ऐसे जाल में जा फंसे थे जिसमें मजदूरी मिलना तो दूर, जो कुछ उनके पास था, वह भी छीन लिया गया था.  

इंसानों को बांधने के लिए जंजीरों का इस्तेमाल हो रहा था. 11 मजदूरों की यह दर्दनाक कहानी उस्मानाबाद जिले की है. जंजीरों की रगड़ से मजदूरों के पैर जख्मी हो गए, लेकिन ठेकेदारों की बेदर्दी कम नहीं हुई.

वाशिम के शेलू का रहने वाला अमोल निंबालकर घर में झगड़ा होने के बाद अहमदनगर स्टेशन पर बैठा था. इसी बीच उसे काम देने के बहाने ऑटो से एक ढाबे पर ले जाया गया. वहां उसे शराब पिलाई गई और खाना खिलाया गया. रात में काम की जगह पर जाने के बाद उसके पैर में जंजीर बांध दी गई और मोबाइल व पैसे छीन लिए गए. उसे दूसरे दिन से सुबह से कुंआ खोदने के काम पर लगा दिया गया.

मजदूर अमोल निंबालकर ने बताया कि, ''सुबह 6 बजे लात मारकर उठाया. सिर्फ शौच के लिए जाने दिया, न तो मुंह धोने दिया, न ही चाय दी और सीधे कुंए में काम के लिए उतार दिया. फिर दस बजे बाहर निकालने के बाद खाना दिया और फिर पांच मिनट में ही फिर से कुंए में उतार दिया.''

जुल्म की इंतहा यहीं तक नहीं थी, अमोल और उसके साथी मजदूरों को कुंआ खोदने के लिए नीच उतारने के बाद पेशाब और शौच के लिए भी बाहर नहीं आने दिया जाता था.

अमोल निंबालकर ने बताया, जो भी था, वहीं करने को कहते, कुछ लोग तो पैंट में ही कर देते. बहुत अत्याचार किया, वेतन भी नहीं दिया. मैंने 15 दिन काम किया. उल्टे जो मेरे पास था वो भी ले लिया. मोबाइल भी ले लिया था. साहब आए तो मोबाइल और आधार कार्ड मिला है, लेकिन पैसे अभी तक नहीं दिए.

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अमोल की तरह ही हिंगोली, नांदेड़, बुलढाना और मध्यप्रदेश से गरीब घरों के लड़कों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे बंधुआ मजदूरों से बदतर सलूक किया जा रहा था. रात में भाग ना जाएं इसलिए सभी को जंजीर से बांधकर रखा जाता था. लेकिन आखिरकार एक मजदूर किसी तरह ताला खोलकर भागने में कामयाब रहा और फिर उसकी सूचना पर जब वहां पुलिस पहुंची तो ठेकेदार के होश उड़ गए.

टोकी पुलिस थाने के एपीआई जगदीश राउत ने कहा कि, हमने एक टीम बनाई और वहां पहुंचे तो कुंए में पांच लड़के काम करते हुए मिले. हमने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि हमसे जबरदस्ती काम करवाया जाता है और रात में जंजीर से बांध कर रखते हैं. उन्होंने बताया कि 6 और लड़के दूसरी जगह पर ऐसे ही रखे गए हैं. हमारी टीम वहां गई तो वहां भी 6 लड़के कुंए का काम कर रहे थे. उनसे भी दिन में काम करवाया जाता और रात में जंजीर से बांध देते. फिर लड़कों को छुड़ाकर पुलिस थाने लाए.

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टोकी पुलिस के मुताबिक 11 लड़कों को वहां से छुड़ाकर लाया गया और मामले के ठेकेदार और एजेंट के खिलाफ मामला दर्ज कर चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

देश स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन क्या देश के सभी नागरिक वाकई में स्वतंत्र हैं? उस्मानाबाद में 11 मजदूरों की यह दर्दनाक कहानी इंसानियत को भी शर्मसार करने वाली है.

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