राज्यों की राजकोषीय स्थिति सुधरी, निजी निवेश के लिए सौहार्दपूर्ण माहौल बनाएंः RBI

आरबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में राज्यों की राजकोषीय स्थिति में सुधार का यह आकलन पेश करने के साथ ही कहा कि राज्यों को व्यापक निजी निवेश के लिए एक सौहार्दपूर्ण परिवेश बनाने पर ध्यान देना जारी रखना चाहिए.

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आरबीआई ने राज्यों को सलाह दी है कि वे बेहतर दिनों में एक पूंजीगत व्यय बफर कोष बनाएं.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को कहा कि राज्यों का सकल राजकोषीय घाटा (GFD) चालू वित्त वर्ष में घटकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का 3.4 प्रतिशत पर आ जाने की संभावना है, जबकि महामारी से बुरी तरह प्रभावित वर्ष 2020-21 में यह जीडीपी का 4.1 प्रतिशत रहा था.

आरबीआई ने अपनी एक रिपोर्ट में राज्यों की राजकोषीय स्थिति में सुधार का यह आकलन पेश करने के साथ ही कहा कि राज्यों को व्यापक निजी निवेश के लिए एक सौहार्दपूर्ण परिवेश बनाने पर ध्यान देना जारी रखना चाहिए.

केंद्रीय बैंक ने 'राज्य वित्तः 2022-23 के बजटों का एक अध्ययन' शीर्षक से जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राज्यों की राजकोषीय स्थिति महामारी काल की तुलना में बेहतर हुई है. इसके पीछे व्यापक आधार वाले आर्थिक पुनरुद्धार और उससे राजस्व संग्रह में हुई वृद्धि की अहम भूमिका रही है.

रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यों की तरफ से स्वास्थ्य, शिक्षा, अवसंरचना एवं हरित ऊर्जा बदलाव के लिए बजट आवंटन बढ़ाने से आने वाले समय में उत्पादक कार्यों के विस्तार में मदद मिल सकती है. हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि राज्य पूंजीगत नियोजन को मुख्यधारा में रखें.

आरबीआई ने राज्यों को सलाह दी है कि वे बेहतर दिनों में एक पूंजीगत व्यय बफर कोष बनाएं, ताकि आर्थिक चक्र में भी पूंजीगत व्यय की गुणवत्ता को बनाए रखा जा सके. इसके अलावा निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए राज्य सरकारों को निजी क्षेत्र के लिए एक सौहार्दपूर्ण परिवेश बनाने पर भी ध्यान देने का सुझाव दिया गया है.

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