दिल्ली में SSC परीक्षार्थियों का धरना-प्रदर्शन.
- दिल्ली में गुरुवार को SSC परीक्षा में अनियमितताओं के विरोध में छात्रों और शिक्षकों ने प्रदर्शन किया.
- प्रदर्शन का मुख्य कारण परीक्षा केंद्रों का गलत आवंटन, एडमिट कार्ड देर से जारी होना और तकनीकी समस्याएं थीं.
- छात्रों ने बताया कि परीक्षा के दौरान सिस्टम क्रैश, माउस न चलना और सर्वर संबंधी दिक्कतें आईं.
SSC Exam Reform: स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (SSC) परीक्षा में बरती जा रही अनियमितताओं को लेकर राजधानी दिल्ली में गुरुवार को देश के अलग-अलग जगहों से पहुंचे छात्रों और शिक्षकों ने प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने कई छात्रों और शिक्षकों को हिरासत में भी लिया. इस धरना प्रदर्शन का कारण क्या है? आखिर क्यों छात्र प्रदर्शन करने दिल्ली की सड़कों पर उतरे? पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों किया? छात्र और शिक्षकों को क्यों हिरासत में लिया गया? समझें पूरी कहानी.
DoPT दफ्तर के बाहर से डिटेन किए गए कई टीचर
गुरुवार को SSC अभ्यर्थी और देशभर के कई जाने-माने शिक्षक केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग (DoPT) दफ्तर के बाहर जमा हुए. 'दिल्ली चलो' के नाम से हुए इस प्रदर्शन में प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कई शिक्षक भी शामिल हुए.
शिक्षकों का कॉलर पकड़ कर ले गई पुलिस
इन चर्चित शिक्षकों के साथ-साथ कई स्टूडेंट में हिरासत में लिए गए. पुलिस द्वारा टीचर और स्टूडेंट को हिरासत में लेने के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. जिसमें पुलिस के जवान शिक्षकों के कॉलर पकड़ कर ले जाते नजर आ रहे हैं. डिटेन किए गए टीचर्स और छात्रों को देर शाम तक छोड़ा नहीं गया.
शाम में फिर जंतर-मंतर पर छात्रों का जमावड़ा
जंतर मंतर पर बाद में 100 से ज्यादा छात्र और टीचर्स पहुंचे. उनकी मांग है कि डिटेन किए लोगो को छोड़ा जाए. SSC ने कई बार पर विभिन्न वजहों से आयोजित परीक्षाओं को रद्द कर दिया. एसएससी की परीक्षा के दौरान प्रशासनिक खामियां सामने आई. परीक्षा केंद्रों का गलत आवंटन किया गया.
छात्रों ने बताया- प्रदर्शन का कारण
जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने एनडीटीवी से बातचीत में अपने धरने का कारण बताया. छात्रों ने बताया कि पहले परीक्षा का एडमिट कार्ड 4 दिन पहले दिया जाता था लेकिन इस बार परीक्षा के 2 दिन पहले तक भी कार्ड जारी नहीं हुआ.
परीक्षा के दौरान कई और तकनीकी खामियां भी आईं सामने
परीक्षा के दौरान कई तकनीकी खामियां आईं. इस दौरान कहीं सिस्टम क्रैश कर गया, तो कही सर्वर संबंधी समस्या आ गई. जो कंप्यूटर दिया गया उसमें बहुत से छात्रों का माउस तक नहीं चल रहा, चलते-चलते स्क्रीन बंद हो जा रही है. कुछ परीक्षा केंद्रों से अभ्यर्थियों के साथ दुर्व्यवहार के मामले सामने आए.
ब्लैकलिस्टेड कंपनी से परीक्षा करवा रही सरकार
यहां सुरक्षाकर्मियों और कर्मचारियों पर अभ्यर्थियों के साथ गलत व्यवहार करने का आरोप लगाया. TCS से परीक्षा लेने का ठेका वापस लेकर दूसरी कंपनी को यह काम दे दिया गया है. दूसरी नई कंपनी Eduquity एजेंसी ने SSC Selection Phase 13 की परीक्षा करा रही है, जो शिक्षा विभाग द्वारा ब्लैकलिस्टेड कंपनी है. इस कंपनी के खिलाफ छात्र कई समय से प्रदर्शन कर रहे है. इस कंपनी का नाम इससे पहले व्यापम परीक्षा में नाम आ चुका है.
अलग-अलग शिफ्ट में पेपर बहुत हद तक एक जैसा
यह एजेंसी SSC के अन्य परीक्षा जैसे कि CGL भी करवाने वाले है, जिसमें 30 लाख से ज्यादा छात्र बैठाएंगे तो कैसे यह एजेंसी परीक्षा कराएगी? फर्स्ट शिफ्ट में पूछे गए पेपर को दूसरे और तीसरे फेस में 70 से 80 पर्सनेट सेम पेपर दिया जा रहा है?
आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन से भी दिक्कत
आधार कार्ड ऑथेंटिकेशन अनिवार्य करने की वजह से कई छात्र फॉर्म नहीं भर पा रहे है. वही बहुत से छात्रों को एग्जाम सेंटर पर समस्या आ रही है. इन्हीं सब मांगों को छात्र और शिक्षक दिल्ली में प्रदर्शन करने उतरे कई लोगों को हिरासत में लिया गया. इस दौरान धक्कामुक्की भी हुई. लाठीचार्ज भी हुआ.
कई परीक्षाएं अचानक रद्द की गई
छात्रों के प्रदर्शन का एक अहम कारण SSC सिलेक्शन पोस्ट फेज़ 13 समेत कई परीक्षाओं का अचानक रद्द होना भी बताया गया. छात्रों का कहना है कि दूर-दराज़ से यात्रा करके परीक्षा देने पहुंचे, पैसा खर्च हुआ, आने-जाने में समय लगा. लेकिन वहां जाकर पता चला कि परीक्षा रद्द हो गई है और इसकी कोई पूर्व सूचना भी नहीं दी गई.
कांग्रेस ने कहा- सरकार छात्रों का भविष्य बर्बाद कर रही
एसएससी परीक्षार्थियों के धरना-प्रदर्शन पर कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा- मोदी सरकार छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने पर तुली है. देश के छात्र SSC परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. आज NSUI अध्यक्ष वरुण चौधरी छात्रों के हक की इस लड़ाई में शामिल हुए. छात्र लगातार कह रहे हैं कि परीक्षा में घपलेबाजी हो रही है, लेकिन सरकार सुनने को तैयार ही नहीं है, उल्टा छात्रों पर लाठी भांजकर उनका मुंह बंद करवाया जा रहा है. हम डरने वाले नहीं है, छात्रों के साथ खड़े रहेंगे और उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे.