Sri Lanka Crisis: पड़ोसी देश श्रीलंका इस समय तमाम मुश्किलों का सामना कर रहा है. आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका सरकार के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए हैं, इसके बाद यहां आपातकाल (Emergency) लगाने की घोषणा कर दी गई है. इस बीच, भारत ने स्वीकार किया है कि श्रीलंका में स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई है और उसका ध्यान इस मुश्किल वक्त में पड़ोसी देश की मदद करने पर केंद्रित है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संकटग्रस्त देश (श्रीलंका) की मदद करने के लिए मंगलवार को त्रिवेंद्रम और कोच्चि एयरपोर्ट की सराहना की.
उन्होंने कहा, "इन एयरपोर्ट ने ड्यूटी से परे सदाशयता दिखाते हुए श्रीलंका जाने वाली 120 से अधिक फ्लाइट को टेक्निकल लैंडिंग की इजाजत दी है. यह व्यवहार पड़ोसी के साथ संबंधों को आगे बढ़ाने में मददगार होगा. " गौरतलब है कि श्रीलंका फरवरी माह से डीजल की कमी का सामना कर रहा हे जिसके कारण रोजाना घंटों बिजली की कटौती हो रही है. पेट्रोल पंपों में लंबी लाइनें लग रही हैं. खाद्य सामग्री और रसोई गैस की भी कमी है और वह पड़ोसी देशों से मदद की गुहार लगा रहा है. इससे पहले श्रीलंका में 6 मई को अभूतपूर्व आर्थिक संकट और सरकार विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए दो सप्ताह पहले आपातकाल लागू किया गया था. लेकिन फिर बाद में सरकार ने हालात सुधरते देख 21 मई को आपातकाल हटा लिया था.
लोगों की बढ़ती नाराजगी के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया ने वादा किया था कि वो 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे लेकिन गिरफ्तारी की बढ़ती आशंका को देखते हुए वो इस्तीफे से पहले ही देश से भाग गए हैं. श्रीलंकाके कार्यकारी राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे (Ranil Wickramsinghe) ने टीवी पर दिए एक भाषण में श्रीलंका की सेना और पुलिस को आदेश दिए हैं कि श्रीलंका में कानून व्यवस्था लागू करने के लिए जो बन सके, करें. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी उन्हें उनकी जिम्मेदारियां निभाने से रोकना चाहते हैं.
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श्रीलंका में लगाई गई इमरजेंसी, देश छोड़कर मालदीव भागे राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे