सपा की सबसे युवा प्रत्याशी पूजा शुक्ला बोलीं, योगी आदित्यनाथ को संवाद नहीं विवाद पसंद है

यह वही पूजा शुक्ला हैं जिन्होंने साल 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले में काले झंडे दिखाए थे और बाद में उन्हें 26 दिन के लिए जेल में भी रहना पड़ा था.

Advertisement
Read Time: 25 mins

पूजा ने कहा कि उनका आंदोलन साल 2017 में नहीं बल्कि इससे पहले से ही चल रहा है.

लखनऊ:

उत्तरप्रदेश में चुनावी सरगर्मियां तेज हैं. इसी बीच समाजवादी पार्टी की लखनऊ उत्तर से उम्मीदवार पूजा शुक्ला ने एनडीटीवी से खास बातचीत की. आपको बता दें कि यह वही पूजा शुक्ला हैं जिन्होंने साल 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले में काले झंडे दिखाए थे और बाद में उन्हें 26 दिन के लिए जेल में  भी रहना पड़ा था. इसके बाद उन्हें इसी कारण से लखनऊ यूनिवर्सिटी ने एडमिशन देने से मना कर दिया. उन्होंने भूख हड़ताल की, जिसके बाद उन्हें एडमिशन मिला. पूजा ने कहा कि उनका आंदोलन साल 2017 में नहीं बल्कि इससे पहले से ही चल रहा है. वह समय समय पर अहम मुद्दों पर आवाज उठाती रही हैं.

पूजा ने कहा, "मैं साल 2012 से ही अहम मुद्दों पर बात करती रही हूं, बस फर्क इतना है कि उस समय सरकारें मुकदमा नहीं चलाया करती थीं, तब सरकार वाद-विवाद और संवाद पर भरोसा करती थी. साल 2017 में लगातार विश्वविद्यालय में फीस बढ़ रही थी और हम अपने वाइस चांसलर से कह रहे थे कि अगर आप इसी तरह से फीस बढ़ाते रहेंगे तो जो बच्चे गरीब परिवार से आते हैं वो यह लाखों की फीस कैसे चुका पाएंगे. उनका कहना था कि सरकार फंड नहीं दे रही है. तब हमने उन्हें सुझाव दिया कि हम आंदोलन कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने इस में हमारा साथ नहीं दिया."

पिछली सरकारों ने पुलिस को अपने व्यक्तिगत इस्तेमाल की चीज बनाया, हमने किया सुधार : योगी आदित्यनाथ

उन्होंने आगे कहा, "मुझे लगता था कि देश में लोकतंत्र है और उत्तरप्रदेश में भी लोकतंत्र है, लेकिन हमें नहीं पता था कि उत्तर प्रदेश में ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री चुन लिया है जिनको वाद विवाद और संवाद में सबसे अच्छा विवाद ही लगता है. उनका मुख्य एजेंडा यही है कि उनके खिलाफ उठने वाली आवाज या उनसे सवाल पूछने वाली आवाज को दबा दिया जाए. हमें लगा था कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आ रहे हैं तो हम अपनी परेशानियां उनके आगे रखेंगे, हम उनके कार्यक्रम को खराब नहीं करना चाहते थे. हमने जब मुख्यमंत्री से बात करने की कोशिश की तो छात्रों को पकड़ा गया उन्हें मारा गया, तब हमने उनको काले झंडे दिखाए."

Advertisement

​पूजा ने अपने एडमिशन के लिए की गई मुशक्कत के बारे में बताते हुए कहा "उस समय मेरे साथ जो जो हुआ उसके लिए बस इतना ही कहूंगी कि मैंने असली आपातकाल नहीं देखा था, लेकिन भाजपा की सरकार में उत्तरप्रदेश में मैंने उस समय अघोषित आपाकाल को बहुत करीब से महसूस किया."

Advertisement

यूपी चुनाव के पहले चरण में 25 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले : एडीआर

25 साल की उम्र में चुनाव लड़ने की बात पर पूजा ने कहा कि यह उनके लिए बहुत सौभाग्यशाली मानती हैं कि उन्हें सपा ने यह मौका दिया है.

Advertisement

जब उनसे पूछा गया कि ऐसा आरोप लगता रहा है कि सपा की सरकार आएगी तो गुंडागर्दी बढ़ जाएगी, तो उन्होंने कहा कि जब आप परीक्षा में फेल हो जाते हैं तो नए नए बाहाने ढूंढते हैं, यहां कुछ ऐसा ही हो रहा है. भाजपा ने पांच साल में कोई काम नहीं किया है, अब वे सिर्फ झूठ, बंटवारे और नफरत फैलाने की राजनीति कर रहे हैं. सपा को जब भी मौका मिला है सपा ने काम किया है.

Advertisement

बयानबाजी के दौर में ईमानदारी से चुनाव लड़ना कितना कठिन है इस बारे में पूजा ने कहा, "संघर्ष तो हर जगह है, महिला होने के नाते जब हम घर से निकलती हैं तो उन्हें कई तरह के संघर्ष करने पड़ते हैं. सबसे पहले तो उन्हें यह साबित करना पड़ता है कि एक योद्धा के तौर पर वो भी अपनी लड़ाई लड़ सकती हैं. लोकतंत्र के लिए यह शर्मनाक है जहां मुख्यमंत्री को गलीछाप गुंडे की भाषा का इस्तेमाल करना पड़ रहा है. इस बार का चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने का है. सपा इस बार भाजपा को बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेगी."

Video : सपा प्रत्याशी पूजा शुक्ला ने बोला बीजेपी ने नहीं किया कोई भी काम