स्पाइसजेट की अगले 8 हफ्तों तक उड़ानों की संख्या आधी की गई, DGCA ने दिखाया सख्त रुख

पिछले महीने की 19 तारीख से स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी आने की कम से कम आठ घटनाओं को लेकर डीजीसीए ने एयरलाइन को छह जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

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प्रतीकात्‍मक फोटो

नई दिल्‍ली:

विमानन नियामक नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने तकनीकी खामी की कई घटनाओं के मद्देनजर स्पाइसजेट को आठ हफ्तों तक गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों में से अधिकतम 50 फीसदी के संचालन करने का बुधवार को आदेश दिया है.पिछले महीने की 19 तारीख से स्पाइसजेट के विमानों में तकनीकी खराबी आने की कम से कम आठ घटनाओं को लेकर डीजीसीए ने एयरलाइन को छह जुलाई को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.इस बीच, डीजीसीए के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए स्‍पाइस जेट ने कहा है कि वह नियामक के निर्देशों के अनुसार काम करेगी. आदेश से हमारी फ्लाइट्स के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 

विमानन नियामक ने बुधवार को अपने आदेश में कहा कि विभिन्न स्थलों की जांच, निरीक्षण और स्पाइसजेट की ओर से जमा कराए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब के मद्देनजर, सुरक्षित और विश्वसनीय परिवहन सेवा के निरंतर निर्वाह के लिए, स्पाइसजेट की गर्मियों के लिए स्वीकृत उड़ानों की संख्या आठ हफ्तों तक 50 फीसदी पर सीमित की जाती है. हाल के दिनों में किसी एयरलाइन के खिलाफ यह संभवत: सबसे सख्‍त कार्रवाई है. 18 दिनों के अंदर फ्लाइट सेफ्टी से जुड़ी आठ घटनाएं दर्ज की गई थीं.

गौरतलब है कि इसी माह के पहले सप्‍ताह में दिल्‍ली से दुबई के लिए उड़ान भर रही स्‍पाइसजेट के एक विमान को इंडिकेटर लाइट में खराबी के कारण कराची की ओर डायबर्ट करना पड़ा था. इसके दो दिन पहले ही गुजरात के कांडाल से मुंबई की उड़ान भर रहे स्‍पाइस जेट के विमान की ऊपरी विंडशील्‍ड में मंगलवार को उड़ान के दौरान क्रेक आ गया था जिसके कारण विमान की प्रियॉरिटी लैंडिंग करनी पड़ी थी. विमानन सूत्रों ने NDTV को बताया था कि स्‍पाइस जेट के विमान में तीन सप्‍ताह से कम समय में  सुरक्षा संबंधी चिंताए (safety-related concern) सामने आई है. सभी घटनाओं को नियामक के ध्‍यान में लाया गया है. अन्‍य घटनाएं डोर वॉर्निंग, पक्षी के टकराने, इंजन से ऑयल लीकेज आदि से संबंधित थीं.  (भाषा से भी इनपुट)

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