NDTV Campaign: स्पीड ब्रेकर से रोजाना होने वाले हादसों पर कब लगेंगे ब्रेक? जानिए एक्सपर्ट ने क्या कहा

एनडीटीवी के साथ बात करते हुए ट्रैफिक गुरु शैलेश सिन्हा ने कहा कि जो विभाग सड़क का निर्माण कर रहे हैं उन्हें यह समझना होगा कि जो वो कार्य कर रहे हैं उसे पूरा देश कभी न कभी उपयोग करेगा. इसलिए उन्हें कम्यूनिकेशन के जो पैटर्न हैं उसे जरूर लगाना चाहिए.

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नई दिल्ली:

स्पीड ब्रेकर (Speed breaker) वैसे तो हादसे रोकने के लिए होते हैं, लेकिन यह जानलेवा स्पॉट बन गए हैं. कब स्पीड ब्रेकर सामने आ जाए, यह डर हर गाड़ी चलाने वाले कि दिल में समाया रहता है. वजह है बिना नियम और सिग्नल के सड़कों पर बने बेडौल स्पीड ब्रेकर. देश के तमाम हिस्सों में हर दिन इन ब्रेकर के कारण हादसे होते हैं.  इस मुद्दे पर एनडीटीवी की तरफ से एक मुहिम की शुरुआत की है. इस अभियान में आम लोग गलत तरीके से बनाए गए स्पीड ब्रेकर से हो रही परेशानी को बता रहे हैं. 

एनडीटीवी के साथ बात करते हुए ट्रैफिक गुरु शैलेश सिन्हा ने कहा कि जो विभाग सड़क का निर्माण कर रहे हैं उन्हें यह समझना होगा कि जो वो कार्य कर रहे हैं उसे पूरा देश कभी न कभी उपयोग करेगा. इसलिए उन्हें कम्यूनिकेशन के जो पैटर्न हैं उसे जरूर लगाना चाहिए. उसके मेंटेनेंस की भी जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर गाड़ी का सही उपयोग हम नहीं करते हैं तो वो एक हथियार की तरह है. उन्होंने कहा कि सड़क हादसे में जो आदमी मरता है सिर्फ वही नहीं मरता है उसके साथ पूरा एक परिवार जूझता है. 

कितने जानें लेता है स्पीड ब्रेकर
केंद्र सरकार ने संसद में 21 जुलाई 2017 को बताया था कि देश में स्पीड ब्रेकर की वजह से होने वाले हादसों में रोजाना नौ लोगों की जान चली जाती है और 30 लोग घायल हो जाते हैं. इसे अगर साल के हिसाब से देखें तो हर साल 1104 लोगों की जान स्पीड ब्रेकर से होने वाले हादसों में जाती है और करीब 11 हजार लोग इन हादसों में घायल हो जाते हैं. सरकार की ओर से पेश आंकड़ों के मुताबिक 2015 में हाइवे पर 11 हजार 84 हादसे स्पीड ब्रेकर की वजह से हुए. इन हादसों में तीन हजार 409 लोगों की जान चली गई और नौ हजार 764 लोग जख्मी हो गए. भारत में सबसे अधिक दिक्कत उन स्पीड ब्रेकर से है, जो अनमार्क है या जिन्हें बिना किसी मानक के ऐसे ही तैयार कर लिया गया है. 

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