न्यूजक्लिक केस में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अदालत में चार्जशीट दाखिल की

चार्जशीट में न्यूजक्लिक के एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ के खिलाफ UAPA के तहत आरोप लगाए गए हैं. इसमें जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जानकारी भी दी गई है.

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न्यूजक्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (फाइल फोटो).
नई दिल्ली:

न्यूजक्लिक (NewsClick) मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है. चार्जशीट 7500 पन्नों की है. चार्जशीट में न्यूजक्लिक के एडिटर प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) के खिलाफ UAPA के तहत आरोप लगाए गए हैं. इसमें जब्त इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जानकारी दी गई है. पुलिस ने छापे में करीब 480 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त की थीं.

चार्जशीट में प्रबीर पुरकायस्थ और न्यूजक्लिक कंपनी का नाम है. दिल्ली पुलिस ने कहा है कि वह जल्द ही इस मामले में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर करेगी. इस मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 17 अगस्त 2023 को न्यूजक्लिक और इसके संपादक के खिलाफ UAPA के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

अक्टूबर 2023 में न्यूजक्लिक के संपादक समेत कई पत्रकारों, समाजसेवियों के ठिकानों पर स्पेशल सेल ने छापे मारे थे. इस दौरान 37 पुरुषों और 9 महिलाओं से पूछताछ की गई थी और इलेक्ट्रानिक उपकरण जब्त किए गए थे. पूछताछ के बाद प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था. अमित चक्रवर्ती इस मामले में अब सरकारी गवाह बन चुके हैं. न्यूजक्लिक पर चीन से फंड लेकर देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है.

भारत में अवैध रूप से विदेशी निवेश

एफआईआर के मुताबिक, गोपनीय जानकारी मिली थी कि भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने के इरादे से साजिश के तहत भारतीय और विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में अवैध रूप से विदेश से करोड़ों रुपये का निवेश किया गया है. वर्ल्डवाइड होल्डिंग्स एलएलसी, यूएसए से अप्रैल 2018 से पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को अवैध तरीके से करोड़ों रुपये मिले थे.

प्रबीर पुरकायस्थ, अमित सेनगुप्ता, दोराईस्वामी रघुनंदन, बप्पादित्य सिन्हा,  गौतम नवलखा,  गीता हरिहरन,  अमित चक्रवर्ती और वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग एलएलसी "पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड" के शेयरधारक हैं. 

विदेशी फंड वर्ल्डवाइड मीडिया होल्डिंग्स सहित कई संस्थाओं के एक जटिल वेब के माध्यम से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग के सदस्य नेविल रॉय सिंघम द्वारा अवैध तरीके से दिया गया था.

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प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन

पता चला था कि गौतम नवलखा, जो कि पीपीके न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड में साल 2018 में इसकी स्थापना के बाद से एक शेयरधारक हैं, भारत विरोधी और गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जैसे कि सक्रिय रूप से प्रतिबंधित नक्सली संगठनों का समर्थन करना और पाकिस्तान की ISI के एजेंट गुलाम नबी फाई के साथ सांठगांठ रखना.

पता चला कि गौतम नवलखा प्रबीर पुरकायस्थ के साथ 1991 में तब से जुड़े हुए हैं, जब उन्होंने सागरिक प्रोसेस एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड का गठन किया था. यह भी पता चला कि इस तरह के अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड को प्रबीर पुरकायस्थ और उनके सहयोगियों जोसेफ राज, अनूप चक्रवर्ती (अमित चक्रवर्ती के भाई), बप्पादित्य सिन्हा (वर्चुनेट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर) द्वारा निकाल लिया गया.

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यह भी पता चला कि यह पैसा तीस्ता सीतलवाड के सहयोगियों गौतम नवलखा, जावेद आनंद, तमारा, जिब्रान, उर्मिलेश, अरात्रिका हलदर, परंजय गुहा ठाकुरता, त्रिना शंकर, अभिसार शर्मा आदि दी गई थी.

गुप्त सूचनाओं से पता चला कि प्रबीर पुरकायस्थ, नेविल रॉय सिंघम और सिंघम के स्वामित्व वाली शंघाई में स्थित कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ अन्य चीनी कर्मचारियों ने मेल का आदान-प्रदान किया है, जिसमें कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं दिखाने के उनके इरादे उजागर होते हैं. इन लोगों के ऐसे प्रयासों से वैश्विक और घरेलू स्तर पर यह कहानी फैलाने की उनकी साजिश का पता चलता है कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश विवादित क्षेत्र हैं. 

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भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ छेड़छाड़ करने और मानचित्रों में कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश को भारत के हिस्सों के रूप में नहीं दिखाने का उनका प्रयास भारत की एकता और क्षेत्रीय अखंडता को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया. आरोपियों ने इस तरह की अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से भारत में लोगों की आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने और किसानों के विरोध को लंबा करके संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की भी साजिश रची.

कोविड-19 महामारी को रोकने के लिए भारत सरकार के प्रयासों को बदनाम करने के लिए झूठी कहानी प्रचारित की गई. 

चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश का आरोप

पता चला कि प्रबीर पुरकायस्थ ने 2019 के आम चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने के लिए पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (PADS) नाम के एक समूह के साथ साजिश रची थी. यह भी पता चला है कि पीपुल्स डिस्पैच पोर्टल, जिसका स्वामित्व और रखरखाव पीपीके न्यूज़क्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड के पास है, का उपयोग जानबूझकर साजिश के तहत अवैध रूप से भेजे गए विदेशी फंड के करोड़ों रुपये के बदले में पेड न्यूज के माध्यम से इन झूठी कहानियों को फैलाने के लिए किया गया है.

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ईडी ने उनके ऑफिस से जब्त पांच हार्ड डिस्क में डेटा हासिल किया. डेटा में प्रबीर पुरकायस्थ, अमित चक्रवर्ती और अन्य संदिग्धों के ईमेल डंप में कुल 4.27 लाख ईमेल शामिल हैं. आरोपियों ने विदेशी फंड की आड़ में 115 करोड़ रुपये से ज्यादा हासिल किए.

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