"फिल्म से खराब हो रहा सांप्रदायिक सौहार्द": सपा नेता एसटी हसन ने कश्मीर फाइल्स पर रखी राय

सपा नेता एस टी हसन ने कहा कि थिएटर में उलटे सीधे नारे लगाए जा रहे हैं लोग आपस में झगड़ा कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि अगर कश्मीर को दिखाना ही था तो कम से कम इतना जरूर दिखाना चाहिए था कि वहां पर आतंकवादियों ने जो हैवानियत कश्मीरी पंडितों के साथ की है, वही हैवानियत कश्मीरी मुसलमानों के साथ भी हुई.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
कश्मीर फाइल्स काफी सुर्खियां बटोर रही है.
नई दिल्ली:

बॉलीवुड फिल्म कश्मीर फाइल्स पिछले काफी दिनों से खूब सुर्खियां बटोर रही है. एक तरफ जहां फिल्म की जमकर तारीफें हो रही है, वहीं दूसरी और कुछ लोग फिल्म की आलोचना भी कर रहे हैं. इस पर फिल्म समाजवादी पार्टी के सांसद एस टी हसन ने कहा कि कश्मीर फाइल्स में जो कुछ दिखाया गया है वह बहुत दुखद है, जो भी हुआ वह शर्मसार करने वाला है. पंडितों के साथ जो जुल्म हुआ है. उसके आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए. लेकिन इसे पूरे देश में दर्शाने से कहीं न कहीं हमारे सांप्रदायिक सौहार्द पर असर पड़ रहा है.

एस टी हसन ने कहा कि थिएटर में उलटे सीधे नारे लगाए जा रहे हैं लोग आपस में झगड़ा कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि अगर कश्मीर को दिखाना ही था तो कम से कम इतना तो जरूर दिखाना चाहिए था कि वहां पर आतंकवादियों ने जो हैवानियत कश्मीरी पंडितों के साथ की है, वही हैवानियत कश्मीरी मुसलमानों के साथ भी हुई. इन हालातों में वहां पर सैकड़ों मुसलमान में मारे गए हैं पंडित में मारे गए हैं उनको भी दिखाना चाहिए था.

एस टी हसन के मुताबिक इस फिल्म का राजनीतिकरण हो रहा है हर वो चीज जो हमारे सौहार्द को बिगाड़ रही है. उन्होंने कहा कि हमारी प्यार मोहब्बत गंगा जमुनी तहजीब को खराब कर रही है हम समझते हैं उन चीजों को स्क्रीन के ऊपर नहीं लानी चाहिए या फिर पूरी हकीकत आनी चाहिए. जिस तरह से मुसलमानों ने अपने कश्मीरी पंडितों भाइयों को बचाया है उसको भी दिखाना चाहिए तब सौहार्द का संदेश जाता है, अभी नफरत का संदेश जा रहा है.

ये भी पढ़ें: Punjab: आप ने राज्यसभा भेजे जाने वाले उम्मीदवारों का किया ऐलान, पूर्व क्रिकेटर हरभजन समेत इन नामों को मिली जगह

इस फिल्म पर अपनी राय रखते हुए टी हसन बोले कि केवल कश्मीरी पंडितों का कत्ल दिखाना उससे देश के अंदर एक संदेश खराब जा रहा है हमारा देश गंगा जमुनी तहजीब का है अनेकता और एकता की पहचान है हम अपनी ताने-बाने को कहीं खराब तो नहीं कर रहे हैं इस फिल्म के अंदर कुछ और चीजें आनी चाहिए जैसे मुसलमानों ने अपनी जान पर खेलकर पंडितों को बचाया वहां के सौहार्द को बचाया.

VIDEO: प्रदीप की उड़ान और जज्‍बे को सलाम, नौकरी से फ्री होकर रोजाना लगाता है 10 किमी की दौड़ | पढ़ें

Advertisement
Featured Video Of The Day
Iran Hijab Protest: 1979 की इस्लामिक क्रांति से कैसे महिलाओं के अधिकार खत्म या कम होते गए?