दक्षिण पश्चिम मॉनसून बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों की ओर बढ़ा, 31 मई तक केरल पहुंचने की संभावना

अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में पिछले दो सप्ताह में चक्रवाती तूफान ताउते और यास आए. इन दोनों तूफानों की वजह से देश में कई जगहों पर भारी बारिश हुई.

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अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में पिछले दो सप्ताह में चक्रवाती तूफान ताउते और यास आए. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बृहस्पतिवार को कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून दक्षिण पश्चिम तथा पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के और हिस्सों की ओर बढ़ गया है एवं केरल में 31 मई तक इसके पहुंचने के आसार हैं. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में पिछले दो सप्ताह में चक्रवाती तूफान ताउते और यास आए. इन दोनों तूफानों की वजह से देश में कई जगहों पर भारी बारिश हुई. मौसम विभाग ने कहा, ‘‘दक्षिण पश्चिम मॉनसून 27 मई की सुबह मालदीव-कोमोरिन इलाके, दक्षिण पश्चिम तथा पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों की ओर, दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के अधिकतर हिस्सों और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों की ओर बढ़ गया है.'' उसने कहा, ‘‘केरल में 31 मई के आसपास दक्षिण पश्चिम मॉनसून की शुरूआत के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो सकती हैं.'' केरल में मॉनसून के पहुंचने की सामान्य तारीख एक जून है.

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चक्रवातीय तूफान ‘यास' द्वारा पश्चिम बंगाल में तबाही मचाए जाने के एक दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि त्रासदी में राज्य को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. साथ ही उन्होंने प्रभावितों को राहत के लिए ‘दुआरे तारन' (घर-घर जाकर राहत पहुंचाने का) अभियान शुरू किया. बनर्जी ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्यों के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित करते हुए कहा कि जरुरत होने पर और धन दिया जाएगा.

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शुरुआती सूचनाओं के अनुसार, हमें पता चला है कि पश्चिम बंगाल में कुल करीब 15,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. इसके बढ़ने की आशंका है.'' उन्होंने कहा, ‘‘हमें जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण करने की आवश्यकता है क्योंकि ज्यादातर स्थान पानी में डूबे हुए हैं. इसमें (वित्तीय आकलन में) अभी कुछ समय लगेगा.'' मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व और कृषि भूमि को ध्यान में रखते हुए सारी गणना की गयी है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार पंचायत और ब्लॉक स्तर पर ‘दुआरे तारन' योजना चलाएगी ताकि चक्रवात से वास्तव में प्रभावित लोगों की मदद हो सके. यह प्रक्रिया पानी का स्तर घटने के बाद तीन जून से शुरू होगी.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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