कांग्रेस (Congress) में संगठन चुनावों की चर्चा के बीज आज पार्टी के शीर्ष निकाय कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की मीटिंग शुरू हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने पार्टी के पुनरुद्धार के लिए नेताओं के बीच अनुशासन और आत्मनियंत्रण पर जोर दिया है. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में किसान आंदोलन की चर्चा करते हुए तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को काला कानून बताया और कहा कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों पर हुई बर्बरता ने बीजेपी की मानसिकता उजागर कर दी है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "हम किसानों और किसान संगठनों द्वारा जारी आंदोलन की पृष्ठभूमि में मिल रहे हैं. संसद के माध्यम से 'तीन काले कानून' को पास हुए एक साल से अधिक का समय हो गया है. हमने उन्हें विधायी जांच के अधीन करने की पूरी कोशिश की लेकिन मोदी सरकार उन्हें पारित कराने पर तुली हुई थी ताकि कुछ निजी कंपनियों को फायदा हो सके."
सोनिया गांधी ने कहा, "कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों ने तुरंत अपना विरोध शुरू कर दिया और तब से अब तक बहुत कुछ झेला है. लखीमपुर-खीरी की चौंकाने वाली घटना भाजपा की मानसिकता को उजागर करती है कि वो कैसे किसानों को धोखा देती है?"
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उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को चिंताजनक बताते हुए कहा कि आर्थिक सुधार के नाम पर मोदी सरकार के पास एक ही विकल्प बचा है- बेचो, बेचो, और बेचो. उन्होंने कहा कि दशकों से बड़े प्रयास से निर्मित राष्ट्रीय संपत्तियों को मोदी सरकार में बेचा जा रहा है.
उन्होंने कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र के न केवल रणनीतिक और आर्थिक उद्देश्य हैं बल्कि इसके सामाजिक लक्ष्य भी हैं, उदाहरण के लिए, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों का सशक्तिकरण और पिछड़े क्षेत्रों का विकास करना भी सार्वजनिक क्षेत्र का उद्देश्य है लेकिन यह सब मोदी सरकार के बेचो, बेचो, बीचो के सिंगल-पॉइंट एजेंडे से ख़तरे में है."
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कांग्रेस अध्यक्ष ने आवश्यक वस्तुओं की कीमतों खासकर खाद्य और ईंधन तेल की कीमत में बेतहाशा बढ़ोत्तरी पर नाराजगी जाहिर की और कहा, "क्या देश में किसी ने कभी सोचा था कि पेट्रोल की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर से अधिक होगी और डीजल 100 रुपये प्रति लीटर के करीब होगा. गैस सिलेंडर की कीमत 900 रुपये होगी और खाना पकाने का तेल 200 रुपये लीटर होगा. यह पूरे देश के लोगों के लिए जीवन पर आघात है."
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सांगठनिक चुनावों पर भी चर्चा हुई. बैठक में तय किया गया है कि 1 नवंबर 2021 से संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और अगले साल 2022 के अक्टूबर तक कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव करा लिया जाएगा. फिलहाल पार्टी ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर फोकस करने का फैसला किया है.