गलवान घाटी (Galwan Valley Clash) में 20 जवानों की शहादत का आज (मंगलवार) एक साल पूरे होने पर उनको श्रद्धांजलि देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने सरकार से सवाल पूछा है. बयान जारी कर सोनिया गांधी ने कहा है कि एक साल पूरा होने के बाद भी अब तक सरकार ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया है कि आखिर किन परिस्थितियों में यह घटना हुई थी.
सोनिया गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने पिछले साल कहा था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई. इस बयान के मद्देनजर कांग्रेस ने वस्तुस्थिति को साफ करने की मांग की, जो अब तक पूरी नहीं की गई है. अप्रैल 2020 से पहले वाली यथास्थिति बहाली की दिशा में क्या किया गया है, कांग्रेस इस बारे में भी लगातार पूछती रही है. चीन के साथ डिसइंगेजमेंट एग्रीमेंट भारत को नुकसान वाला प्रतीत होता है.
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गौरतलब है पिछले साल जून में गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस संघर्ष में भारत के 20 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी. झड़प में चीन को भी नुकसान उठाना पड़ा था. चीन ने इस साल फरवरी में पहली बार आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया था कि गलवान हिंसा में उसके चार अधिकारियों और सैनिकों की जान गई थी.
चीन की सेना के आधिकारिक अखबार 'पीएलए डेली' की खबर के मुताबिक, सेंट्रल मिलिट्री कमीशन ऑफ चाइना (सीएमसी) ने उन सैन्य अधिकारियों और जवानों को याद किया, जो काराकोरम पहाड़ियों पर तैनात थे और जून 2020 में गलवान घाटी में भारत के साथ सीमा पर संघर्ष में मारे गए थे.
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