पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और लद्दाख के 150 नागरिकों को मंगलवार देर रात दिल्ली पुलिस ने रिहा कर दिया था, उन्हें फिर से हिरासत में (Sonam Wangchuk Detained) ले लिया गया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि वांगचुक और हिरासत में लिए गए लद्दाख के अन्य नागरिकों को मंगलवार रात रिहा कर दिया गया था, लेकिन वे दिल्ली के मध्य भाग की ओर मार्च करने पर अड़े रहे, इसलिए उन्हें फिर से हिरासत में ले लिया गया.
ये भी पढ़ें-सोनम वांगचुक से मिलने बवाना थाने पहुंचीं CM आतिशी को रोका गया, बोलीं- 'LG से रोकने के लिए कॉल आया होगा'
फिर हिरासत में सोनम वांगचुक
उन्होंने कहा कि वांगचुक को कुछ अन्य लोगों के साथ बवाना थाने में रखा गया है, जबकि अन्य को नरेला औद्योगिक क्षेत्र, अलीपुर और कंझावला के थानों में रखा गया है. अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे वांगचुक और अन्य लोगों को दिल्ली पुलिस ने सोमवार रात सिंघू बॉर्डर पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में हिरासत में लिया था. वांगचुक ‘दिल्ली चलो पदयात्रा' का नेतृत्व कर रहे थे, जो एक महीने पहले लेह से शुरू हुई थी.
क्या है सोमन वांगचुक की मांगें?
‘लेह एपेक्स बॉडी' ने ‘करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस' के साथ मिलकर इस पदयात्रा का आयोजन किया था, जो पिछले चार साल से लद्दाख को राज्य का दर्जा दिलाने, संविधान की छठी अनुसूची में इसे शामिल करने और अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है.
अनिश्चितकालीन अनशन पर प्रदर्शनकारी
मंगलवार को प्रदर्शनकारी समूह के एक प्रतिनिधि ने कहा कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं. उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस उन्हें बुधवार को गांधी स्मृति जाने की अनुमति नहीं देती है तो वे रिहा होने के बाद भी पुलिस थानों में बैठे रहेंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)