सोनम वांगचुक के समर्थन में खुलकर आये केजरीवाल, केंद्र सरकार पर साधा निशाना

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 24 सितंबर की रात एक बयान में आरोप लगाया था कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और ‘राजनीति से प्रेरित’ कुछ ऐसे लोग, जो सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं हैं

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(फाइल फोटो)
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  • पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को लेह पुलिस ने 24 सितंबर की हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है
  • वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में मोबाइल इंटरनेट सेवा को सुरक्षा कारणों से बंद कर दिया गया है
  • आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने वांगचुक की गिरफ्तारी पर सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति पर आलोचना की है
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लद्दाख:

पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को लेह पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. उनपर 24 सितंबर को लेह में हुई हिंसा को भड़काने का आरोप है. वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद लेह में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट कर लिखा, "रावण का भी अंत हुआ था. कंस का भी अंत हुआ था. हिटलर और मुसोलिनी का भी अंत हुआ था और आज उन सब लोगों से लोग नफरत करते हैं. आज हमारे देश में तानाशाही चरम पर है. तानाशाही और अहंकार करने वालों का अंत बहुत बुरा होता है."

केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने सोशल मीडिया पर लिखा, "जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है." बता दें कि एक दिन पहले ही केंद्र सरकार ने वांगचुक के NGO SECMOL की विदेश फंडिंग लाइसेंस कैंसल कर दिया था. लद्दाख में हिंसक विरोध प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हुई है और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.

उनके नेतृत्व में लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के साथ मिलकर लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू हुआ था. इन मांगों पर जोर देने के लिए वांगचुक ने 10 सितंबर को भूख हड़ताल शुरू की थी. लेकिन हिंसा के बाद 24 सितंबर को उन्होने अपनी हड़ताल खत्म कर दी थी. 

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 24 सितंबर की रात एक बयान में आरोप लगाया था कि कार्यकर्ता सोनम वांगचुक और ‘राजनीति से प्रेरित' कुछ ऐसे लोग, जो सरकार और लद्दाखी समूहों के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत में हुई प्रगति से खुश नहीं हैं, उनके ‘भड़काऊ बयानों' की वजह से भीड़ हिंसक हो गई.

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