विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पीएम नरेंद्र मोदी पर बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री का जिक्र करते हुए कहा है कि "वास्तविक राजनीति" उन लोगों द्वारा "मीडिया के साथ स्पष्ट रूप से" संचालित की जा रही है, जिनमें "राजनीतिक क्षेत्र में आने का साहस" नहीं है. न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में इस मुद्दे को लेकर हो रहे शोरशराबे (furore)को अलग उद्देश्य के की जा रही राजनीति करार दिया. उन्होंने कहा, "कभी-कभी भारत की राजनीति इसकी सीमाओं से नहीं आती बल्कि यह देश के बाहर से आती है. "उन्होंने कहा, "हम सिर्फ एक डॉक्यूमेंट्री या भाषण पर बहस नहीं कर रहे हैं जिसे किसी ने एक यूरोपीय शहर या एक अखबर के संपादकीय में दिया है...हम वास्तव में उस 'वास्तविक राजनीति' के बारे में बात रहे हैं जिसे स्पष्ट रूप से मीडिया के जरिये चलाया जा रहा है. यह दूसरे तरीके से राजनीति है. "
वर्ष 2024 के करीब एक साल पहले आई इस डॉक्यूमेंट्री की टाइमिंग पर भी विदेश मंत्री ने सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "क्या आप सोचते हैं कि यह टाइमिंग आकस्मिक हैं! मैं आपको एक बात बता दूं-मुझे नहीं पता कि भारत, दिल्ली में चुनावी मौसम शुरू हो गया है या नहीं लेकिन निश्चित रूप से यह लंदन, न्यूयॉर्क में शुरू हो गया है. "बीबीसी ने पिछले माह, 'इंडिया: द मोदी क्वेश्चन' नाम की डॉक्यूमेंट्री फिल्म जारी की, जिसमें 2002 के गुजरात दंगों को दिखाते हुए इनमें पीएम की भूमिका को लेकर सवाल उठाया गया है.गौरतलब है कि गुजरात दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित समिति ने नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी. कुछ वेस्टर्न मीडिया के भारत में पीएम मोदी को लेकर पूर्वाग्रह संबंधी सवाल पर जयशंकर ने कहा, "क्या आपको इसमें संदेह है? देखिए चीयरलीडर्स कौन है? मेरा मानना है कि यह एक दशक से चल रहा है."
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना वाली बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री शेयर करने वाले ट्वीट ब्लॉक करने का आदेश दिया था. बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री के YouTube के लिंक जिन ट्वीट के जरिए शेयर किए गए हैं, उनको भी ब्लॉक कर दिया गया था. विदेश मंत्रालय ने इस डॉक्यूमेंट्री को ऐसे दुष्प्रचार का हिस्सा बताया था जो औपनिवेशक मानसिकता को दर्शाता है.
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