दिल्ली- एनसीआर प्रदूषण के मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने स्पष्ट किया कि उसने कभी भी दिल्ली सरकार को प्रदूषण के कारण राजधानी के स्कूलों को अनिश्चित काल के लिए बंद करने का निर्देश नहीं दिया था. इस मामले में तीन न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व कर रहे मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (Chief Justice NV Ramana) ने सुनवाई के दौरान प्रदूषण पर मीडिया रिपोर्टस पर नाराजगी जताते हुए ये बात कही. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि कुछ लोग ये कहने लगे कि हम स्टूडेंट्स के समर्थन में नही है. हमनें ये कब कहा कि हम दिल्ली सरकार को चलाकर प्रशासन करेंगे? आज के पेपर को आप देखिए. हम नहीं जानते हैं कि ये जानबूझकर है या नहीं. मीडिया के कुछ वर्ग और कुछ लोग हमें खलनायक के रूप में पेश करने की कोशिश कर रहे हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि ये पता नहीं चल रहा कि कौन रिपोर्ट कर रहा है. हमें कुछ लोगों ने ऐसा बताया कि हम छात्रों के कल्याण के पक्ष में नहीं हैं. मुख्य न्यायाधीश ने दिल्ली सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से भी नाराजगी जताई और आगे कहा कि मीडिया के एक वर्ग ने हमें स्कूल बंद करने के लिए विलेन बता दिया है. ये दिल्ली सरकार थी जिसने कहा था कि वो लॉकडाउन लगाने पर विचार करेगी और स्कूल बंद करेगी.
गौरतलब है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद ही खराब होने के चलते दिल्ली सरकार ने राजधानी के स्कूलों को बंद कर दिया था. वहीं अब स्कूलों को फिर से खोल दिया गया है. कल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान वायु प्रदूषण के स्तर के गंभीर श्रेणी में होने के बावजूद भी स्कूलों को फिर से खोलने के दिल्ली सरकार के फैसले पर सवाल उठाए थे. वहीं आज इस मामले में दिल्ली सरकार ने अपना हलफनामा दायर किया है. दायर किए गए हलफनामा में दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसने केंद्र द्वारा आयोग CAQM के निर्देशों पर स्कूलों को फिर से खोला था.