देहरादून: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्यों से बच्चों में कुपोषण और स्कूली बच्चों की पढ़ाई बीच में छोड़ने की दर (ड्रॉप आउट दर) जैसी समस्याओं को प्राथमिकता से लेने का आहवान किया. ऋषिकेश के निकट टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 24 वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए एक महत्वपूर्ण कदम के तहत पूरे देश में किसानों से 100 प्रतिशत दलहन, तिलहन और मक्का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)पर भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नाफेड) द्वारा खरीदा जाएगा.
उन्होंने कहा कि लाख उत्पादन को पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना में शामिल किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों को क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे जिससे लाख उत्पादन से जुड़े किसानों को लाभ होगा. शाह ने सहकारिता, कुपोषण तथा स्कूली बच्चों की पढ़ाई बीच में छोड़ने की दर जैसे मुद्दों को प्राथमिकता से लेने और सभी सदस्या राज्यों से इसपर विशेष ध्यान देने को कहा.
उन्होंने बच्चों में कुपोषण समाप्त करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, ‘‘इस समस्या को पूरी संवेदनशीलता के साथ दूर करना हम सबकी जिम्मेदारी है.'' शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा सहकारी संघवाद की भावना को मजबूत करने पर बल दिया है जिसके तहत क्षेत्रीय परिषदों ने समस्याओं का समाधान निकालने, वित्तीय समावेशिता बढ़ाने और नीतिगत बदलावों में ‘कैटेलिस्ट' की भूमिका निभाई है.
उन्होंने कहा कि इन राज्यों ने मोदी के ‘टीम इंडिया' की अवधारणा को जमीन पर उतारा है. बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू तथा अनेक केंद्रीय और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
बैठक में कोदो और कुटकी का मूल्य रागी के एमएसपी के बराबर तय करने का निर्णय लिया गया. शाह ने कहा, ‘‘इस फैसले से देश भर के करोड़ों किसानों को लाभ होगा, खासकर मध्य क्षेत्रीय परिषद के सदस्य राज्यों के किसानो को.''
बैठक में पांच किलोमीटर के दायरे में हर गांव को बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने, रॉयल्टी और खनन से संबंधित मुद्दों और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों में बुनियादी ढांचे के विकास जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की गई.