सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत सरकार से प्राप्त जानकारियों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नमो ऐप सरकारी योजनाओं के नाम पर दान मांग रहा है. जबकि ऐप या कोई अन्य गैर-सरकारी निकाय ऐसा करने के लिए अधिकृत नहीं है. वहीं पार्टी के एक प्रवक्ता ने NDTV को बताया कि ऐप "सरकारी योजनाओं के लिए पैसे नहीं जुटा रहा है". उधर, ऐप 'स्वच्छ भारत', खुले में शौच मुक्त व्यवहार की दिशा में काम करने और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के लिए दान मांग रहा है. वहीं प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी तक एनडीटीवी के इस पर बयान देने के अनुरोध का जवाब नहीं दिया है.
महिला और बाल विकास मंत्रालय द्वारा एक आरटीआई जवाब, जिसे एनडीटीवी ने एक्सेस किया है, में कहा गया है, "बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना के लिए नमो ऐप के माध्यम से धन जुटाने के लिए विशेष अनुमति देने का ऐसा कोई प्रावधान नहीं है". यह सवाल चेन्नई के पत्रकार बीआर अरविंदक्षण ने आरटीआई के माध्यम से पूछा था.
उनके द्वारा इसी तरह की एक अन्य आरटीआई के जवाब में स्वच्छ भारत योजना को क्रियान्वित करने वाले पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय ने आरटीआई के तहत जवाब दिया, "एसबीएम (जी) चरण - II दिशानिर्देशों में एनजीओ या व्यक्ति द्वारा स्वच्छ भारत परियोजनाओं के लिए धन जुटाने के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है."
अभी भी, 'नरेंद्र मोदी' ऐप को एक बैनर के तहत दान प्राप्त होता है जिसमें लिखा होता है: "एक नए भारत के लिए सूक्ष्म दान". "अपने सूक्ष्म-दान के साथ भाजपा का समर्थन करें" टैगलाइन के साथ, यह ₹ 5, 50, 100, 500, और 1,000 दान करने के विकल्प प्रदान करता है. हालांकि, "कॉज फॉर डोनेशन" के तहत यह केंद्र सरकार की दो प्रमुख योजनाओं - 'स्वच्छ भारत' और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' के अलावा 'पार्टी फंड' और 'किसान सेवा' को भी सूचीबद्ध करता है.
बीआर अरविंदाक्षन ने कहा, "स्वच्छ भारत, एक सरकारी योजना में मेरे योगदान के लिए मुझे भाजपा से एक रसीद मिली. यह धोखाधड़ी है."
प्रधानमंत्री कार्यालय को आरटीआई के तहत उनके प्रश्नों की श्रृंखला में, "क्या ऐप प्रधानमंत्री का व्यक्तिगत ऐप है या आधिकारिक है और ऐप द्वारा भाजपा और सरकारी योजनाओं के लिए धन एकत्र करने के लिए कौन सी अनुमतियां प्राप्त की गई हैं, कार्यालय ने उत्तर दिया, "मांग की गई जानकारी इस कार्यालय द्वारा रखे गए रिकॉर्ड का हिस्सा नहीं है."
जब एनडीटीवी ने इस मुद्दे को बीजेपी के सामने उठाया तो पार्टी ने इस बात से इनकार किया कि नमो ऐप को सरकारी योजनाओं के नाम पर चंदा मिलता है. बाद में, जब स्क्रीनशॉट दिखाए गए तो तमिलनाडु के पार्टी प्रवक्ता नारायणन थिरुपति ने स्वीकार किया कि सरकारी योजनाओं के लिए धन नहीं जुटाया जा रहा था.
उन्होंने कहा, "मैंने नमो ऐप टीम के साथ जांच की है. हम सरकारी योजनाओं के लिए नहीं बल्कि पार्टी गतिविधियों के लिए [पैसा] जुटा रहे हैं. 'स्वच्छ भारत' और 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजनाओं को 'कॉज फॉर डोनेशन' के तहत सूचीबद्ध किया गया है. दानदाताओं को उस योजना का चयन करने में मदद करें जो उन्हें भाजपा की ओर आकर्षित करे."
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