किन्नौर में पहली बार दिखा हिम तेंदुआ! डैम में फंसे तेंदुए को वन विभाग ने किया सुरक्षित रेस्क्यू 

वन विभाग के अनुसार, हिम तेंदुआ आमतौर पर ऊंची बर्फ़ीली चोटियों पर ही पाया जाता है, और किन्नौर में इसकी मौजूदगी बेहद कम देखी जाती है.

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किन्नौर:

ऊंचे बर्फ़ीले पहाड़ों में रहने वाला दुर्लभ हिम तेंदुआ (Snow Leopard) अब हिमाचल प्रदेश के किन्नौर की घाटियों तक पहुंच गया है. जिले के भाबा नगर स्थित 120 मेगावाट की संजय जल विद्युत परियोजना के डैम साइड पर एक रोमांचक दृश्य देखने को मिला, जब एक हिम तेंदुआ परियोजना के फिल्टर इनलेट में जा फंसा.

जैसे ही परियोजना अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत वन विभाग को सूचना दी. सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी (आरओ) भाबा नगर परमानंद दरेक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. वहीं, रामपुर से वन विभाग का रेस्क्यू दल, किन्नौर प्रशासन की ओर से एसपी किन्नौर और फायर ब्रिगेड की टीम (भाबा नगर से) भी राहत कार्य में जुट गए.

शुरुआत में फायर टीम ने सीढ़ी लगाकर तेंदुए को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. तभी वन अधिकारी परमानंद दरेक ने स्थानीय तकनीकों और साहसिक समझदारी का इस्तेमाल करते हुए बिना किसी उपकरण और चोट के हिम तेंदुए को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. बाहर निकालने के बाद उसे जंगल में छोड़ दिया गया.

वन विभाग के अनुसार, हिम तेंदुआ आमतौर पर ऊंची बर्फ़ीली चोटियों पर ही पाया जाता है, और किन्नौर में इसकी मौजूदगी बेहद कम देखी जाती है. लेकिन इस घटना से यह साफ़ संकेत मिला है कि अब भाबा घाटी में भी हिम तेंदुए की मौजूदगी बढ़ रही है, जो जैव विविधता के लिहाज़ से एक सकारात्मक संकेत है. वन परिक्षेत्र अधिकारी परमानंद दरेक, बीओ उदय लष्टी, वनरक्षक नीरज भारती, तथा फायर ब्रिगेड के संतराम की टीम ने इस अभियान को सफलता तक पहुंचाया. 

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