सरकारी कंपनियों के निजीकरण का सीतारमण ने किया बचाव, घर के गहने बेचने के आरोप पर...

वित्त मंत्री ने सफाई दी कि पहले की सभी सरकारों ने विनिवेश किया है. मोदी सरकार ने तो एक बार में एक-एक कंपनी बेचने के बजाय स्पष्ट नीति तैयार की है. ताकि तय हो सके कि किन कंपनियों का विनिवेश किया जाए और किन रणनीतिक क्षेत्रों को नहीं छुआ जाए.

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सीतारमण ने कहा कि सरकार का कभी कोविड-19 कर या उपकर लगाने का विचार नहीं रहा.
मुंबई:

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने सार्वजनिक कंपनियों के निजीकरण, दो बैंकों और एक बीमा कंपनी को बेचने के बजट (Budget 2021) प्रस्ताव का बचाव किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि घर के गहने बेचने का विपक्ष का आरोप गलत है, क्योंकि सरकार ने ऐसी नीति तैयार की है कि किन सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जाना चाहिए, किनको नहीं. 

मुंबई में कारोबारियों की एक बैठक में सीतारमण ने कहा कि हम तो घर के गहनों को ठोस बना रहे हैं, क्योंकि ये हमारी ताकत होनी चाहिए. वित्त मंत्री ने सफाई दी कि पहले की सभी सरकारों ने विनिवेश किया है. मोदी सरकार ने तो एक बार में एक-एक कंपनी बेचने के बजाय स्पष्ट नीति तैयार की है. ताकि तय हो सके कि किन कंपनियों का विनिवेश किया जाए और किन रणनीतिक क्षेत्रों को नहीं छुआ जाए. बजट में दो बैंकों और एक सरकारी बीमा कंपनी को बेचने का प्रस्ताव भी  है. विपक्ष ने इसे परिवार के गहने बेचना बताया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि घर के जेवर हमारी ताकत होनी चाहिये. लेकिन इन पर इतने खराब तरीके से खर्च किया गया कि कई चल पाने में सक्षम नहीं हैं. कुछ ऐसे हैं, जो बेहतर कर सकते हैं, लेकिन उन पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया गया. कई सरकारी कंपनियां ऐसी हैं, जिनके पास पेशेवर विशेषज्ञता की कमी है. अभी कुछ सरकारी कंपनियां ऐसे क्षेत्रों में कारोबार कर रही हैं, जो रणनीतिक लिहाज से महत्वपूर्ण नहीं हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य ऐसे उपक्रमों को सक्षम बनाना है. 

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सीतारमण ने कहा कि सरकार का कभी कोविड-19 कर या उपकर लगाने का विचार नहीं रहा. नहीं पता कि मीडिया में कोविड-19 कर या सेस लगाने की चर्चा कैसे शुरू हुई? वित्त मंत्री ने कहा कि जब दुनिया की विकसित अर्थव्यवस्थाएं इस महामारी से संघर्ष कर रही थीं, हमने इससे बचाव का रास्ता ढूंढ लिया था.

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आज भारत की आकांक्षाओं और विकास जरूरतों के लिए स्टेट बैंक के आकार के 20 संस्थानों की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आईडीबीआई के अनुभव से विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) का विचार आया है. सरकार द्वारा संचालित सिर्फ एक डीएफआई होगा और इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका होगी. सीतारमण ने कहा कि पिछले तीन माह के दौरान जीएसटी संग्रह बढ़ा है.

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हिंदुस्तान यूनिलीवर के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक संजीव मेहता ने कहा कि बजट 2021-22 राहत, वसूली और सुधार पर ध्यान केंद्रित करने वाला ‘न्यू डील' का भारतीय संस्करण है. बीएसई के सीईओ आशीष कुमार चौहान ने कहा कि इस बजट की तुलना में सिर्फ 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा प्रस्तुत सुधार दस्तावेज ही खड़ा हो सकता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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