मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने भारत में बीबीसी के दफ्तरों पर आयकर विभाग के ‘छापे' को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या भारत अब भी ‘लोकतंत्र की जननी' है. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने ट्वीट किया, ‘‘पहले बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करो. अडाणी के मामले में जेपीसी/जांच पर कोई जांच नहीं. अब बीबीसी के कार्यालयों पर छापा. भारत: लोकतंत्र की जननी?''
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद विनय विश्वम ने कहा कि आयकर विभाग की यह कार्रवाई सच की आवाज को दबाने का प्रयास है. उन्होंने यह दावा भी किया कि यह कोई ‘सर्वे' नहीं, बल्कि ‘छापेमारी' की कार्रवाई है. विश्वम ने ट्वीट किया, ‘‘बीबीसी पर छापा ! सच की आवाज को दबाया गया है. दुनिया देख रही है. प्रधानमंत्री मोदी जब जी20 की अध्यक्षता कर रहे हैं तो वह प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में भारत के रिकॉर्ड को लेकर क्या कहेगी? क्या वह पूरी तरह से सच बयां करते हैं?''
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, "मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ है, मीडिया की स्वतंत्रता पर हमला जनता की आवाज़ दबाने के बराबर है. जो भी भाजपा के खिलाफ बोलता है, उसके पीछे ये लोग IT, CBI और ED को छोड़ देते हैं. क्या भाजपा देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था और संस्थाओं को कुचलकर पूरे देश को अपना गुलाम बनाना चाहती है?"
आयकर विभाग ने मंगलवार को कथित कर चोरी की जांच के तहत दिल्ली और मुंबई में बीबीसी के कार्यालयों में एक ‘सर्वे ऑपरेशन' चलाया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. 2002 के गुजरात दंगों और भारत पर ब्रिटिश प्रसारक द्वारा दो-भाग के वृत्तचित्र को प्रसारित करने के कुछ सप्ताह बाद यह औचक कार्रवाई हुई है.
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