सीताराम येचुरी लगातार तीसरी बार माकपा के महासचिव चुने गए, बोले- भाजपा को हराना मुख्य लक्ष्य

सीताराम येचुरी ने कहा कि भगवा पार्टी को अलग-थलग करना और हराना न केवल मानव आजादी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है बल्कि भारत को धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रिक गणतंत्र के तौर पर बचाने के लिए भी आवश्यक है.

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पार्टी के सम्मेलन में पोलित ब्यूरो के 17 सदस्यों और केंद्रीय समिति के 85 सदस्यों का भी चुनाव किया गया
कन्नूर (केरल):

माकपा के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी रविवार को यहां लगातार तीसरी बार पार्टी के महासचिव चुने गए. माकपा के 23वें सम्मेलन में पार्टी के शीर्ष पद पर निर्वाचित होने के बाद प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए येचुरी ने कहा कि माकपा का प्रधान लक्ष्य भाजपा को अलग-थलग कर हराना है जो ‘फासीवादी' आरएसएस के ‘हिंदुत्व के सांप्रदायिक एजेंडे' को बढ़ा रही है.

उन्होंने कहा कि भगवा पार्टी को अलग-थलग करना और हराना न केवल मानव आजादी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है बल्कि भारत को धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्रिक गणतंत्र के तौर पर बचाने के लिए भी आवश्यक है. पार्टी के सम्मेलन में पोलित ब्यूरो के 17 सदस्यों और केंद्रीय समिति के 85 सदस्यों का भी चुनाव किया गया जो अगले तीन साल तक कार्य करेंगे.

पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ नेता राम चंद्र डोम को पदोन्नति देकर केंद्रीय समिति के सदस्य से पोलित ब्यूरो का सदस्य बनाया गया है. इसके साथ ही वह पोलित ब्यूरो में पहले दलित प्रतिनिधि बन गए हैं. माकपा के पोलित ब्यूरो में दो नए चेहरों को जगह मिली है जिनमें केरल से वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के संयोजक ए विजयराघवन और ऑल इंडिया किसान सभा के अध्यक्ष अशोक धवले शामिल हैं.

इस बीच, वरिष्ठ नेता एस रामचंद्रन पिल्लई, बिमान बोस और हन्नान मोल्ला को 75 साल से अधिक उम्र होने की वजह से पोलित ब्यूरो से हटाया गया है. हालांकि, वे केंद्रीय समिति में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे. माकपा की 85 सदस्यीय केंद्रीय समिति में 17 नए चेहरे हैं जबकि 15 महिला सदस्य हैं. इसी के साथ वाम दल के पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन रविवार को कन्नूर में रैली के साथ हो गया है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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