SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म... BLO की मौतों को लेकर राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर निशाना

राहुल गांधी ने एक अखबार की खबर को साझा करते हुए एक्‍स पर लिखा, "SIR के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मचा रखी है - नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई. हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या - SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है." 

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  • कई राज्यों में मतदाता सूची SIR की प्रक्रिया चल रही है. इसे लेकर राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है.
  • राहुल गांधी ने कहा कि SIR के नाम पर देश में अफरातफरी मचा रखी है, नतीजा? 3 हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई.
  • उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने कागजों का जंगल बनाकर मतदाता को खुद को खोजने की प्रक्रिया को जटिल कर दिया है.
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नई दिल्‍ली :

बिहार के बाद अब देश के कई राज्‍यों में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रकिया चल रही है. अब इसे लेकर के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने विभिन्‍न राज्‍यों में बीएलओ की मौतों के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है. साथ ही उन्‍होंने कहा कि भारत आज दुनिया के सॉफ्टवेयर बनाता है, लेकिन चुना आयोग आज भी कागजों का जंगल खड़ा करने पर अड़ा है. 

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राहुल गांधी ने एक अखबार की खबर को साझा करते हुए एक्‍स पर लिखा, "SIR के नाम पर देश भर में अफरा-तफरी मचा रखी है - नतीजा? तीन हफ्तों में 16 BLO की जान चली गई. हार्ट अटैक, तनाव, आत्महत्या - SIR कोई सुधार नहीं, थोपा गया ज़ुल्म है." 

कागजोंं का जंगल खड़ा करने पर अड़ा चुनाव ECI: राहुल गांधी 

साथ ही उन्‍होंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा, "ECI ने ऐसा सिस्टम बनाया है, जिसमें नागरिकों को खुद को तलाशने के लिए 22 साल पुरानी मतदाता सूची के हजारों स्कैन पन्ने पलटने पड़ें. मकसद साफ है - सही मतदाता थककर हार जाए और वोट चोरी बिना रोक-टोक जारी रहे."

राहुल गांधी ने अपनी पोस्‍ट में कहा कि भारत दुनिया के लिए अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर बनाता है, मगर भारत का चुनाव आयोग आज भी कागजों का जंगल खड़ा करने पर ही अड़ा है. अगर नीयत साफ होती तो लिस्ट डिजिटल, सर्चेबल और मशीन-रीडेबल होती - और ECI 30 दिन की हड़बड़ी में अंधाधुंध काम ठेलने के बजाय उचित समय लेकर पारदर्शिता और जवाबदेही पर ध्यान देता. 

राहुल गांधी ने SIR को बताया सोची-समझी चाल 

उन्‍होंने कहा, "SIR एक सोची-समझी चाल है - जहां नागरिकों को परेशान किया जा रहा है और BLOs की अनावश्यक दबाव से मौतों को “कॉलेटरल डैमेज” मान कर अनदेखा कर दिया है. यह नाकामी नहीं, षड़यंत्र है - सत्ता की रक्षा में लोकतंत्र की बलि है."

बता दें कि 12 राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर की प्रकिया जारी है. इनमें छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह तथा लक्षद्वीप हैं. इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में विधानसभा चुनाव होने हैं. 

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