मध्यप्रदेश, गुजरात समेत 7 राज्यों के लिए बढ़ाई गई SIR की तारीख, चुनाव आयोग ने जारी किया आदेश

आपको बता दें कि विपक्षी पार्टियां लगातार चुनाव आयोग पर SIR की समयसीमा को लेकर सवाल उठा रहीं थी. विपक्षी दलों ने आयोग पर अव्यवहारिक समय सीमा लागू करने का आरोप लगाया था. आयोग का ये आदेश इन तमाम आरोपों के बीच ही आया है.

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  • चुनाव आयोग ने गुजरात, MP, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत सात राज्यों में SIR की समय सीमा 14 दिन बढ़ाई है
  • पश्चिम बंगाल के लिए SIR की तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, केरल के लिए पहले ही बदलाव घोषित हो चुका है
  • विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर SIR की समय सीमा अव्यवहारिक होने का आरोप लगाया था.
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चुनाव आयोग ने गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश समेत कुल सात राज्यों में हो रही SIR की प्रक्रिया के लिए समय सीमा को 14 दिनों के लिए बढ़ा दिया है. आपको बता दें कि आयोग ने पश्चिम बंगाल के लिए इसकी तारीखों में कोई बदलाव नहीं किया है. आयोग ने SIR की तारीखों को लेकर एक आदेश भी जारी किया है. जिन राज्यों में SIR की तारीख को बढ़ाया गया है तमिलनाडु, गुजरात, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. जबकि केरल में पहले ही इसकी तारीख को बढ़ाने का ऐलान किया गया था. आपको बता दें कि विपक्षी पार्टियां लगातार चुनाव आयोग पर SIR की समयसीमा को लेकर सवाल उठा रहीं थी. विपक्षी दलों ने आयोग पर अव्यवहारिक समय सीमा लागू करने का आरोप लगाया था. आयोग का ये आदेश इन तमाम आरोपों के बीच ही आया है. 

आपको बता दें कि SIR को लेकर विपक्ष के आरोपों को लेकर लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जवाब दिया था. उन्होंने इस दौरान कहा कि 5 नवंबर 2025 को राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप को तंज कसते हुए परमाणु बम बताया. अमित शाह ने कहा था कि विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 5 नवंबर 2025 को एक परमाणु बम फोड़ा था. परमाणु बम के अंदर उन्होंने कहा कि हरियाणा में एक ही घर में 501 वोट पड़े. बाद में चुनाव आयोग ने साफ किया कि जिस हाउस 265 की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वह कोई छोटा मकान नहीं है.

उन्होंने स्पष्ट किया था कि यह घर एक एकड़ का पुश्तैनी प्लॉट है, जिसमें अनेक परिवार एक साथ निवास कर रहे हैं. चूंकि हर परिवार के घर का अलग नंबर नहीं दिया गया है, इसलिए सभी जगह हाउस नंबर 501 एक ही है. उन्होंने यह भी बताया था कि एक परिवार की तो तीन पीढ़ियां साथ में थीं, जो एक ही नंबर पर दर्ज हैं. शाह ने विपक्ष को याद दिलाया था कि जब पुराने नंबर से हरियाणा में कांग्रेस की सरकार चुनी गई थी, तब से ही ये नंबर इसी तरह चला आ रहा है .अमित शाह ने जोर देकर कहा था कि ये न कोई फर्जी गढ़ है न कोई फर्जी वोटर. वोट चोरी का नैरेटिव के लिए है.

गृहमंत्री अमित शाह ने मतदाता पंजीकरण की कानूनी प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए 1995 के एक ऐतिहासिक न्यायिक निर्णय का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि 1995 में लालबाबू हुसैन बनाम मतदाता रजिस्ट्रेशन ऑफिसर का जजमेंट आया.उसमें अदालत ने साफ कहा कि जहां मतदाता का नाम दर्ज किया जाना है, वहां रिटर्निंग ऑफिसर ये सुनिश्चित कर सकता है कि आवेदक भारत का नागरिक है या नहीं. शाह ने स्पष्ट किया था कि यह निर्णय उनका या सरकार का नहीं है, बल्कि भारत की सर्वोच्च अदालत का है और हम सब इससे बंधे हुए हैं.

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