सिद्धू मूसेवाला मर्डर : फर्जी पासपोर्ट से दुबई के रास्ते अजरबैजान भागा था सचिन बिश्नोई, 1 साल में हो पाया प्रत्यर्पण

खुलेआम सिद्दू मुसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला सचिन बिश्नोई गैंगस्टर लारेंस विश्नोई का भांजा है. पुलिस के मुताबिक सचिन लारेंस के गांव का ही है.

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गैंगस्टर लारेंस विश्नोई का भांजा सचिन बिश्नोई.
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  • सचिन बिश्नोई को प्रत्यर्पित कर अजरबेजान से लाया गया भारत
  • फर्जी पासपोर्ट पर पहले दुबई और फिर अजरबैजान गया सचिन
  • मूसेवाला की हत्या का आरोपी और लॉरेंस बिश्नोई का भांजा है सचिन
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नई दिल्ली:

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का भांजा और गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मास्‍टरमाइंड सचिन बिश्नोई को मंगलवार को अजरबेजान से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि जांच में पता चला था कि सचिन बिश्नोई, लारेंस के भाई अनमोल बिश्नोई के साथ हत्याकांड के करीब एक महीने पहले ही विदेश भाग गया था. दोनों फर्जी पासपोर्ट पर विदेश गए थे.

सचिन ने दिल्ली के संगम विहार के पते पर फर्जी पासपोर्ट बनवाया था जिसमें उसका नाम तिलक राज टुटेजा था. दोनों नेपाल के रास्ते पहले दुबई पहुंचे, सचिन दुबई से अजरबैजान पहुंचा, जबकि अनमोल यूरोप चला गया. इसके बाद जुलाई 2022 में अजरबैजान पुलिस ने सचिन को गिरफ्तार कर लिया.

जांच एजेंसियां सचिन को अजरबैजान से लाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन कामयाबी अब मिली. पुलिस के मुताबिक सचिन का सिद्दू मुसेवाला मर्डर में अहम रोल था. 29 मई 2022 को सिद्दू मूसेवाला की हत्या के बाद सचिन ने भी दावा किया था कि हत्या उसने करवाई है.

इसे भी पढ़ें: सिद्धू मूसेवाला केस का आरोपी सचिन विश्नोई अजरबैजान से प्रत्यर्पित कर लाया गया दिल्ली

खुलेआम सिद्दू मुसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाला सचिन बिश्नोई गैंगस्टर लारेंस विश्नोई का भांजा है. पुलिस के मुताबिक सचिन लारेंस के गांव का ही है.

सचिन थापन बिश्नोई को आखिरकार 11 महीने बाद अजरबैजान से मंगलवार सुबह भारत लाया गया. भारत सरकार की कोशिशों से दिल्ली पुलिस उसे प्रत्यर्पण के तहत दिल्ली लेकर आई.

दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी एचसीएस धालीवाल ने बताया कि सचिन पर पंजाब, राजस्थान और दिल्ली में 14 से ज्यादा मामले दर्ज हैं और दिल्ली पुलिस ने उस पर मकोका के तहत भी कार्रवाई की है. हाल ही में लारेंस गैंग से जुड़े गैंगस्टर दीपक बॉक्सर और विक्रम बराड़ को भी विदेश से भारत लाया गया था.

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