नेशनल हाइवे-39 के सीधी-सिंगरौली सेक्शन का निर्माण कार्य पिछले एक दशक से चल रहा है. लेकिन यह सड़क आज तक अधूरी पड़ी हुई है. एक तरफ से सड़क बनती है तो दूसरी तरफ से उखड़ने लगती है. इस सड़क की चर्चा प्रदेश में ही नहीं पूरे देश में हो रही है. केंद्रीय परिवहन मंत्री,सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों की लाख कोशिशों के बावजूद यह सड़क एक दशक से पूरा होने का इंतजार कर रही है. बदहाल सड़क को पूरा करवाने के लिए सीधी-सिंगरौली क्षेत्र के सांसद डॉक्टर राजेश मिश्र ने सड़क पर बाधा निवारक हवन किया. इसमें पंचायती राज्य मंत्री राधा सिंह और सड़क निर्माण विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
सीधी-सिंगरौली सड़क का निर्माण टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. कई ठेकेदार बदल गए, कई साल बीत गए,फिर भी सड़क निर्माण का कार्य पूरा नहीं हो सका है. सीधी से सिंगरौली तक की करीब 100 किलोमीटर की यह सड़क आज भी उदाहरण के रूप में है. सिंगरौली को ऊर्जाधानी कहा जाता है. यहां बड़ी संख्या में उद्योग धंधे स्थापित हैं. इसके बाद भी इस सड़क का ना बनना, कई सवाल खड़े करता है.
दस साल तक सीधी-सिंगरौली क्षेत्र की सांसद रही रीती पाठक ने केंद्रीय मंत्री से पत्राचार किया था. कई बार इसके लिए टेंडर भी हुए, लेकिन काम कभी पूरा नहीं हो पाया. ठेकेदार बीच में ही कार्य छोड़कर के चलते बनते हैं. लोगों की परेशानी जस की तस बनी हुई है. सौ किलोमीटर की यह सड़क 10 साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अधूरी पड़ी हुई है. ऐसे में क्षेत्र की जनता अब निराश हो गई है.
दो कंपनियां नहीं बना पाईं सड़क, सरकार ने काली सूची में डाला
सीधी सिंगरौली सड़क निर्माण के लिए गेमन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को काम मिला था. उसने टेक्नो यूनिक कंपनी को पेटी कॉन्टैक्टर के रूप में नियुक्त कर दिया था.समय बीतता गया राशि भी खर्च होती गई, लेकिन सड़क निर्माण का कार्य कहीं भी दिखाई नहीं दिया.काफी समय के बाद शासन ने कार्रवाई करते हुए गेमन इंडिया को ब्लैक लिस्ट कर दिया. इसके बाद सड़क निर्माण के लिए दुबारा टेंडर हुए. इसमें टीवीसीएल कंपनी को सड़क निर्माण का ठेका मिला.
टीवीसीएल ने भी दो साल से अधिक समय तक काम किया. लेकिन उसके काम में गुणवत्ता और कार्य की प्रगति न के बराबर थी. इसके बाद शासन ने उसे भी ब्लैक लिस्ट कर दिया. उसके बाद से सीधी-सिंगरौली फोरलेन सड़क निर्माण का कार्य कंपनी से छीन लिया गया है. लेकिन अभी तक टेंडर की कार्यवाही नहीं हो सकी है.
राष्ट्रीय राजमार्ग-39 पर मरम्मत के नाम पर 12 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है. लेकिन इस 12 करोड़ की राशि में सड़क के गड्ढे भी नहीं पाटे जा सके हैं. आज भी सीधी-सिंगरौली सड़क के मध्य कई जगह ऐसे हैं, जहां सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है. वह चलने लायक नहीं बची है. जहां डामर का काम नहीं हुआ था, वहां तो बात ही अलग है, लेकिन जहां डामर हुआ था वहां भी बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं.
सड़क के बीच सांसद ने किया बाधा निवारक हवन
सीधी सांसद डॉक्टर राजेश मिश्र पिछले दो दिनों से पैदल मार्च करते हुए सीधी से सिंगरौली जा रहे हैं. दो दिनों की यात्रा के बाद उन्होंने सीधी-सिंगरौली मार्ग पर बाधा निवारक हवन किया.इसमें पंचायत राज्य मंत्री राधा सिंह और राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे. सांसद ने कहा कि यह सड़क पिछले एक दशक से नहीं बन पा रही है. इसमें कोई न कोई बाधा उत्पन्न होती रहती है, ऐसे में बाधा निवारक हवन किया गया है. इससे सड़क के निर्माण में जो भी बाधा आ रही है, वह शीघ्र दूर हो.सांसद ने कहा कि मेरी पूरी कोशिश है कि यह सड़क जल्दी से जल्दी बन जाए, इसके लिए केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी मिल करके बात की गई है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि सीधी-सिंगरौली सड़क निर्माण का कार्य शीघ्र पूरा किया जाएगा.
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