'राजनीतिक करियर के आखिरी पड़ाव में सिद्धारमैया', कर्नाटक CM के बेटे के बयान से सियासी हलचल

कर्नाटक में कांग्रेस दो अलग-अलग खेमे में बंटी नजर आती है. एक खेमे के मुखिया सीएम सिद्धारमैया हैं तो दूसरे खेमे के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार. सिद्धारमैया के बदले डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की चर्चा भी अक्सर हो रही है.

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कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया और उनके बेटे यतींद्र. (मतदान के दिन की तस्वीर)

दक्षिण भारतीय राज्य कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मुखिया सिद्धारमैया अपने सियासी भविष्य को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कर्नाटक में सीएम फेस को लेकर सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार में बीच रेस लगी थी. हालांकि आलाकमान की मंजूरी के बाद सिद्धारमैया को सीएम बनाया गया. लेकिन 2023 में राज्य में सरकार बनाने के बाद लगातार रह-रह कर सिद्धारमैया को सीएम पद से हटाने की चर्चा सामने आई है. बीते दिनों कांग्रेस सांसद एलआर शिवराम गौड़ा ने भी एक बयान देकर इस मुद्दे को आगे बढ़ाया था.

कर्नाटक सीएम के बेटे बोले- पिता अपने राजनीति के आखिरी पड़ाव में

सिद्धारमैया के सीएम बने रहने पर चल रही अटकलों के बीच बुधवार को उनके बेटे ने एक बयान जारी कर पिता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. सिद्धारमैया के बेटे ने कहा कि वह (सिद्धारमैया) अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम चरण में हैं. उन्हें अपने कैबिनेट सहयोगी सतीश जरकीहोली का मार्गदर्शक बनना चाहिए.

77 वर्षीय सिद्धारमैया दूसरी बार बने हैं कर्नाटक के सीएम

दरअसल बुधवार को सिद्धारमैया के बेटे यतींद्र ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने करियर के अंतिम चरण में हैं. मालूम हो कि 77 वर्षीय सिद्धारमैया दूसरी बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने हैं. इससे पहले वो 2013 से 2018 तक राज्य के सीएम थे. फिर राज्य में भाजपा की सरकार आई. लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने कर्नाटक में फिर से वापसी की.

2023 के चुनाव में डीके शिवकुमार थे प्रदेश अध्यक्ष

2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव के समय डीके शिवकुमार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष थे. विधानसभा चुनाव में मिली जीत का मैन ऑफ द मैच उन्हें कहा गया था. लेकिन सीएम रेस में वो सिद्धारमैया से पिछड़ गए. डीके शिवकुमार इस समय कर्नाटक में डिप्टी सीएम हैं. कई बार अलग-अलग नेताओं के बयानों ने डीके शिवकुमार को सीएम बनाने की चर्चा को बल दिया है.

सिद्धारमैया ने सीएम चेयर छोड़ने की खबरों का किया है खंडन

लेकिन सिद्धारमैया ने हर बार ऐसी चर्चाओं को खंडन किया है. पिछले महीने भी सिद्धारमैया को उन खबरों का खंडन करना पड़ा था कि वह अपने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के लिए रास्ता बनाने हेतु मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे. इस मामले में अटकलों को कांग्रेस सांसद एलआर शिवराम गौड़ा के एक बयान से बल मिला था, जिन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं से इस मुद्दे पर भ्रम दूर करने का आह्वान किया था.

कांग्रेस सांसद ने कहा था- शिवकुमार के सीएम बनने में कोई संदेह नही

कांग्रेस सांसद गौड़ा ने कहा था, "शिवकुमार के अंततः मुख्यमंत्री बनने में कोई संदेह नहीं है, लेकिन अंतिम निर्णय आलाकमान का है. वे जानते हैं कि पार्टी को कैसे चलाना है और मुख्यमंत्री तथा उपमुख्यमंत्री दोनों के बीच संतुलन कैसे बिठाना है. फाइनली कड़ी मेहनत हमेशा रंग लाती है."

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कर्नाटक में कांग्रेस दो खेमों में बंटी है

कांग्रेस सासंद के बयान पर शुरू हुई चर्चा पर सिद्धारमैया ने पत्रकारों से बार-बार कहा था, "मैं पूरे 5 साल के कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री रहूँगा." पार्टी के खंडन के बावजूद, सूत्रों ने बार-बार कहा है कि दो अलग-अलग खेमे हैं - एक सिद्धारमैया का समर्थन कर रहा है और दूसरा शिवकुमार का. लोक निर्माण विभाग मंत्री सतीश जरकीहोली भी सिद्धारमैया खेमे के साथ मजबूती से खड़े दिखाई दे रहे हैं.

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