कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने मंदिरों को धन देने पर रोक वाला परिपत्र लिया वापस

मंत्री के निर्देश के बाद आयुक्त ने शुक्रवार को परिपत्र वापस ले लिया. मुजराई विभाग के आयुक्त ने 14 अगस्त को एक परिपत्र जारी करके सभी जिला प्रशासनों को राज्य संचालित उन मंदिरों की मरम्मत और विकास कार्यों के लिए धन रोकने का निर्देश दिया था.

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बेंगलुरु:

कर्नाटक में विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित विभिन्न हलकों से आलोचना का सामना कर रही राज्य सरकार ने उस परिपत्र को वापस ले लिया है जिसके जरिये राज्य संचालित मंदिरों को विकास कार्यों के लिए धन देना बंद कर दिया गया था. मुजराई या हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विभाग के मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने स्पष्ट किया कि परिपत्र 'भ्रम' के कारण जारी किया गया और सरकार का मंदिरों में किसी भी विकास या मरम्मत कार्य को रोकने का कोई इरादा नहीं है. रेड्डी ने कहा कि उन्होंने विभाग के प्रधान सचिव और आयुक्त दोनों से परिपत्र तुरंत वापस लेने को कहा है.

मंत्री के निर्देश के बाद आयुक्त ने शुक्रवार को परिपत्र वापस ले लिया. मुजराई विभाग के आयुक्त ने 14 अगस्त को एक परिपत्र जारी करके सभी जिला प्रशासनों को राज्य संचालित उन मंदिरों की मरम्मत और विकास कार्यों के लिए धन रोकने का निर्देश दिया था, जहां 50 प्रतिशत धन जारी कर दिया गया है और काम शुरू नहीं हुआ है या जहां धन स्वीकृत हो गया है लेकिन जारी नहीं किया गया है.

अधिकारियों से यह भी कहा गया कि वे ऐसे किसी भी नये प्रस्ताव को मंजूरी न दें, जिसकी प्रशासनिक मंजूरी लंबित हो. स्पष्टीकरण देते हुए रेड्डी ने कहा कि हाल ही में उन्होंने प्रधान सचिव एवं आयुक्त (मुजराई विभाग) के साथ बैठक की और उन्हें 30 अगस्त से पहले एक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि उक्त रिपोर्ट उन मामलों में देने को कहा गया जिसमें पूर्ववर्ती सरकार के दौरान आदेश जारी किए गए लेकिन मंदिरों के लिए धन जारी नहीं किया गया, उन मंदिरों के लिए जिसके लिए 50 प्रतिशत धन जारी किया गया और इस वर्ष के लिए धनराशि उपलब्ध है.''

उन्होंने कहा, ‘‘आयुक्त भ्रमित हो गए. हमने कोई काम रोकने के लिए नहीं कहा था.'' मंत्री ने कहा कि परिपत्र उनके संज्ञान में लाए बिना जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि आयुक्त ने इसे भ्रम में जारी किया है. कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए भाजपा के विधान परिषद सदस्य एन रवि कुमार ने इसे 'हिंदू मंदिरों का विकास विरोधी' बताया.

पूर्व मुजराई मंत्री एवं भाजपा नेता शशिकला जोले ने भारतीय और हिंदू संस्कृति में मंदिरों के महत्व की ओर इशारा करते हुए सरकार के परिपत्र की निंदा की और धन जारी करने और मंदिरों के विकास का आग्रह किया. उन्होंने सरकार द्वारा परिपत्र वापस न लेने पर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी भी दी.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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