"आफ़ताब पूनावाला के माता-पिता...": श्रद्धा वालकर के पिता ने लगाया बड़ा आरोप

विकास वालकर की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि निर्भया मामले को अंजाम तक पहुंचने में सात साल लग गए, लेकिन इस मामले में एक साल नहीं लगना चाहिए.

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नई दिल्ली:

श्रद्धा वालकर के पिता विकास वालकर ने सोमवार को कहा कि आफताब पूनावाला के माता-पिता को "कहीं छिपा दिया गया" है. उन्हें इस मामले में सामने लाया जाना चाहिए. एएनआई से बात करते हुए, विकास वालकर ने कहा कि उनके (आफताब) माता-पिता को अभी तक उजागर नहीं किया गया है. मुझे लगता है कि वे कहीं छिपे हुए हैं. वे कहां हैं? मैं उन्हें उजागर करने की अपील करता हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं श्रद्धा का अंतिम संस्कार करना चाहता हूं. मैंने उसके शरीर के अंगों के लिए अपील की है. 

उन्होंने आफताब के लिए मौत की सजा की मांग को दोहराते हुए कहा, 'उसे मौत की सजा दी जानी चाहिए. वह दोषी है. उसने पूरी योजना के साथ यह अपराध किया. मैंने अपने वकील से मामले में फास्ट-ट्रैक कार्यवाही के लिए अपील करने को कहा है. बताते चलें कि मार्च में विकास वालकर ने कहा था कि मई में उनकी बेटी की हत्या के एक साल हो जाएंगे लेकिन अभी तक उसका अंतिम संस्कार नहीं हो पाया है. उन्होंने कहा कि आरोपी को मौत की सजा दिए जाने के बाद मैं अपनी बेटी का अंतिम संस्कार करूंगा.

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वह अंतिम संस्कार करने की स्थिति में नहीं हैं क्योंकि मुकदमे की समाप्ति के बाद ही उन्हें उनकी बेटी के शरीर के अंग सौंपे जाएंगे.वालकर ने यह भी कहा कि वह चाहते हैं कि अभियुक्त को मौत की सजा दी जाए और सुनवाई समयबद्ध तरीके से की जाए.

विकास वालकर की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि निर्भया मामले को अंजाम तक पहुंचने में सात साल लग गए, लेकिन इस मामले में साल नहीं लगना चाहिए. आफताब की मौजूदगी में कोर्ट रूम में ऑनलाइन काउंसलिंग की ऑडियो-वीडियो रिकॉर्डिंग भी चलाई गई. रिकॉर्डिंग ने विकास वालकर को भावुक कर दिया. रिकॉर्डिंग में श्रद्धा को यह कहते सुना जा सकता है, "वह मेरा शिकार करेगा, मुझे ढूंढेगा और मुझे मार डालेगा।"

एक रिकॉर्डिंग में श्रद्धा को सुना जा सकता है कि वह डॉक्टर (काउंसलर) के सामने कबूल भी कर रही थी कि एक दिन आफताब ने उसका गला पकड़ लिया था. "मैं पूरी तरह से बेहोश हो गई थी और सांस नहीं ले पा रही थी."  इसका जवाब देते हुए अधिवक्ता कुशवाहा ने कहा कि इस तरह मामले को पूरा होने में सालों लग जाएंगे. उन्होंने कहा, "सुनवाई दैनिक आधार पर समय सीमा में होनी चाहिए."उन्होंने कहा, 'श्रद्धा के पिता के साथ चर्चा के बाद मैं दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करूंगी."

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