श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha walkar murder case) के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला (Aftab Amin Poonawalla) के खिलाफ आज दिल्ली की साकेट कोर्ट (Saket court) ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत आरोप तय कर दिए हैं. आफताब अमीन पूनावाला पर अपनी लिव-इन पार्टनर की गला दबाकर हत्या करने और उसके शव को 35 टुकड़ों में काटने का आरोप है. टुकड़ों को उसने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंका था. साथ ही उसने ग्राइंडर से हड्डियों को पीसा था, जिन्हें ठिकाने लगाया था.
साकेत कोर्ट में आफताब अमीन पूनावाला पर आरोप तय होने के बाद उस पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत केस चलेगा. हालांकि कोर्ट के इस फैसले पर आरोपी आफताब ने कहा कि मैं मुकदमे का सामना करूंगा और कोर्ट में इसके खिलाफ केस लड़ूगा. कोर्ट ने 29 अप्रैल को अफताब पूनावाला के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश स्थगित कर दिया था, क्योंकि संबंधित न्यायाधीश छुट्टी पर थे.
अदालत ने श्रद्धा के पिता विकास वालकर की याचिका पर सुनवाई नौ मई तक के लिए स्थगित कर थी, जिसमें न्यायाधीश से अनुरोध किया गया था कि परंपरा और संस्कृति के अनुसार, उनकी बेटी के शव को अंतिम संस्कार के लिए परिवार को सौंप दिया जाए. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ ने 15 अप्रैल को अभियोजन पक्ष के वकीलों के साथ-साथ आरोप तय करने पर अभियुक्तों की दलीलें सुनने के बाद 29 अप्रैल के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था.
जांच एजेंसी ने 15 अप्रैल को श्रद्धा वालकर के पिता के आवेदन पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा था. पूनावाला पर दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को मामले में 6,629 पन्नों की चार्जशीट दायर की थी. श्रद्धा ने पिछले साल 18 मई को वाकर का कथित रूप से गला घोंट दिया था, जिसके बाद उसने उसके शरीर के टुकड़े किए और दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक फ्रिज में रखा. पकड़े जाने से बचने के लिए उसने उन्हें राजधानी में अलग-अलग जगहों पर बिखेर दिया.
यह भी पढ़े :