श्रद्धा मर्डर केस मामले में दिल्ली पुलिस छतरपुर एरिया की सीसीटीवी मैपिंग कर रही है. 6 महीने पहले हत्या हुई थी, इसलिए पुलिस 6 महीने का रिकार्ड खंगालने की कोशिश कर रही है. बताया जाता है कि कुछ जगह आफताब घर की तरफ आते-जाते दिख रहा है, हालांकि ज्यादातर जगह 15 दिन की ही सीसीटीवी रिकार्डिंग होती है, ऐसे में 6 महीने पुराना रिकार्ड निकालना बेहद मुश्किल है.
जिन सीसीटीवी कैमरों में आरोपी आफताब नजर आ रहा है ये हाल ही का सीसीटीवी फुटेज है. इन फुटेज के आधार पर पुलिस ये जानने की कोशिश कर रही है कि इन दिनों वो किन से मिल रहा था और कहां-कहां पर जा रहा था. अंतिम जॉब आफताब ने गुरुग्राम के एक कॉल सेंटर में की थी. जहां 6-7 दिन एबसेंट रहने के चलते उसे टर्मिनेट किया गया था. आफताब का परिवार भी दिल्ली पुलिस के सम्पर्क में है.
श्रद्धा के पिता का डीएनए सैंपल ले लिया गया है, जिससे आगे बॉडी पार्ट और ब्लड सैंपल मैच किया जा सके. जंगल से करीब 10 से 13 हड्डियां बरामद की गई हैं. उन्हें फोरेंसिक लैब में भेजा गया है, जिससे पता लगेगा कि वो श्रद्धा की हड्डियां हैं या किसी जानवर की. घर से कुछ ब्लड के निशान भी मिले हैं.
बताया जाता है कि 18 मई को पहली बार झगड़ा नहीं हुआ था, आफताब और श्रद्धा का तीन साल से झगड़ा चल रहा था. कई बार वो ब्रेकअप करने का प्लान कर चुके थे, एक बार ब्रेकअप कर भी लिया था. 18 मई को दोनों के बीच घर का सामान लेने को लेकर झगड़ा हुआ. एक-दूसरे से कहते थे घर का खर्च और सामान कौन लाएगा. आफताब को इस पर बहुत गुस्सा आया. ऐसा उसने जांच में बताया, ये सच है या नहीं ये जांच का विषय है.
18 मई की शाम से झगड़े शुरू हुए और 8 बजे से 10 बजे के बीच उसकी गला दबाकर हत्या की गई. रातभर बॉडी रूम में ही रखी और अगले दिन चाकू और फ्रीज खरीदने गया.
पुलिस के लिए अभी काफी काम बाकी है, हथियार बरामद नहीं हुआ है, श्रद्धा का मोबाइल नहीं मिला है, श्रद्धा का सिर बरामद नहीं हुआ है, आफताब और श्रद्धा की हत्या के दिन पहने हुए कपड़े नहीं मिले हैं. ये कपड़े उसने एक कूड़े की मूविंग गाड़ी में फेंक दिए थे. आफताब के घर से श्रद्धा का एक बैग मिला है, जिसमें उसका सामान है. हालांकि श्रद्धा के परिवार से उसकी पहचान करानी है.
आफताब सितंबर में मुंबई पुलिस के पास गया था, जब उसे बुलाया था. उसने कहा कि श्रद्धा झगड़कर चली गई थी, फिर एक बार अपना सामान लेने वापस आई और चली गई. लेकिन मुंबई पुलिस को शक हुआ, जिसके आधार पर उन्होंने डीसीपी साउथ से संपर्क कर महरौली थाने में केस ट्रासंफर कराया. कोर्ट में केस को मजबूत करने के लिए टेक्निकल, साइंटिफिक और डिजिटली काफी जांच बाकी है.
कल आफताब को साकेत कोर्ट में पेश करके उसकी और दिन की कस्टडी लेने की एप्लिकेशन मूव करेगी. क्योंकि अभी हथियार, बॉडी के पार्ट्स काफी चीजें बरामद करनी है.